रोहड़ू विधानसभा सीट पर लगातार रहा कांग्रेस का कब्जा, क्या अब कमल खिल पाएगा?
Rohru assembly seat: हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव का आगाज होने को है. इस बीच कांग्रेस, बीजेपी और आम आदमी पार्टी से लेकर सभी पार्टियों ने जीत हासिल करने के लिए कमर कस ली है. ऐसे में जानें रोहड़ू विधानसभा सीट का इतिहास और राजनीतिक समीकरण.
Rohru vidhansabha Seat: हिमाचल प्रदेश में आगामी विधानसभा (Himachal assembly election 2022) के मद्देनजर हम आपको हिमाचल की हर विधानसभा सीट के बारे में जानकारी दे रहे हैं. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं राज्य की रोहड़ू विधानसभा सीट (Rohru assembly seat) के बारे में, जो शिमला के अंतर्गत आती है. बता दें, हिमाचल में कुल 68 विधानसभा सीटे हैं. इनमें से रोहड़ू विधानसभा सीट 67वीं सीट है.
रोहड़ू विधानसभा सीट पर फिलहाल कांग्रेस का कब्जा
रोहड़ू विधानसभा सीट हिमाचल प्रदेश की महत्वपूर्ण सीट में शामिल है. यहां अभी कांग्रेस का कब्जा है. साल 2017 विधानसभा चुनाव में इस क्षेत्र से कांग्रेस के मोहन लाल ब्राकता को जीत हासिल हुई थी, लेकिन देखना ये होगा कि अब साल 2022 के विधानसभा चुनाव में कौन जीत दर्ज करेगा, क्योंकि इस बार का चुनाव हर बार से चुनौतीभरा होने वाला है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस साल के चुनावी मैदान में कांग्रेस और बीजेपी ही नहीं आम आदमी पार्टी भी आ गई है.
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क्या रहा साल 2017 विधानसभा चुनाव का परिणाम?
साल 2017 विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो इस साल रोहड़ू में कुल 58.12 प्रतिशत मतदान हुआ था. इस समय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मोहन लाल ब्राकता ने बीजेपी की शशी बाला को 9408 वोटों के मार्जिन से पछाड़ दिया था. इस साल कांग्रेस के मोहन लाल ब्राकता को कुल 29,134 वोट मिले थे. वहीं, बीजेपी की शशि बाला को 19,726 वोट, बसपा के शूरवीर को 415 और स्वैप के नारायण चंद को 317 वोट मिले थे.
इस सीट पर अब तक किस-किसका रह चुका है कब्जा?
बता दें, हिमाचल प्रदेश की रोहड़ू सीट पर साल 1972 में कांग्रेस के अमृत सिंह राठौड़, 1977 में जेएनपी के सत्य देव, 1982 में कांग्रेस के सत्य देव बुशेहरी, 1985 में कांग्रेस के नाहर सिंह, 1990 में कांग्रेस के वीरभद्र सिंह, 1993 में कांग्रेस के वीरभद्र सिंह, 1998 में कांग्रेस के वीरभद्र सिंह, 2003 में कांग्रेस के वीरभद्र सिंह और 2007 में भी कांग्रेस के वीरभद्र सिंह ही यहां के विधायक चुने गए. इसके बाद 2012 में कांग्रेस के मोहन लाल ब्राकता और 2017 में एक बार फिर कांग्रेस के मोहन लाल ब्राकता ही यहां के विधायक बने.
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स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की कर्मभूमि माना जाता है रोहड़ू विधानसभा क्षेत्र
रोहड़ू विधानसभा सीट को वीरभद्र सिंह की कर्मभूमि भी कहा जाता है. यहां कांग्रेस का ही दबदबा रहा है. 1990 से लेकर 2007 तक लगातार पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का कब्जा रहा और अब भी यहां कांग्रेस का ही राज है, लेकिन अब 2022 के विधानसभा चुनाव में देखना होगा कि यहां के किसे जीत हासिल होती है.
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