Room Heater Side-effects: रात भर हीटर चलाकर सोने से कमरे में कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर बढ़ जाता है. इससे खासतौर पर हृदय रोग वाले लोगों को सीने में दर्द हो सकता है, जबकि हृदय रोग से पीड़ित धूम्रपान करने वालों को, साथ ही छोटे बच्चों और बुजुर्गों को विशेष रूप से खतरा होता है. कमरे में कार्बन मोनोऑक्साइड भरने के कारण लोग सबसे पहले बेहोश हो जाते हैं. फिर ऑक्सीजन की कमी होने के कारण लोगों की दम घुटने से मौत हो जाती है.  


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इस से स्वास्थ्य को भी कई नुकसान होते हैं. जैसे:
-सूखापन
-एलर्जी और अस्थमा
-आंख में जलन 
-त्वचा संबंधी समस्या 


र्रोम हीटर के उपयोग के समय बरतें ये सावधानियां 
-हीटर के पास कोई भी चीज़ न रखें. ज्वलनशील वस्तुएं जैसे कागज, बिस्तर, फर्नीचर तथा कम्बल का विशेष ध्यान रखें तथा इन्हें हीटर से कम से कम दो-तीन फीट की दूरी पर रखें. 
-हीटर को किसी सख्त, गैर-ज्वलनशील जगह पर रखें. ध्यान रहे कि हीटर कालीन, लकड़ी या प्लास्टिक वाली सतह पर ना हो. 
-अपने पालतू जानवरों और बच्चों को हीटर से दूर रखें. हीटर के संपर्क में आने से वह जल सकते हैं. 
-हीटर को कभी भी लावारिस ना छोड़ें. कमरे से निकलने या बिस्तर पर जाने से पहले हीटर बंद करके उसका प्लग निकाल दें, ताकि कार्बन मोनोऑक्साइड गैस कमरे में एकत्रित ना हो. 
-रूम हीटर का उपयोग कभी भी पूरी तरह से बंद कमरों में नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे हवा पतली हो जाती है और कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता का खतरा बढ़ जाता है.
-हमेशा वही उपकरण खरीदें जो भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा अनुमोदित हों. ऐसा करने से यह आपको असुरक्षित उपकरणों से बचाएगा. 


कमरे में  कार्बन मोनोऑक्साइड बढ़ने के संकेत 
यदि हीटर चलने की वजह से कमरे में कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा अधिक हो गई है तो आपको सिरदर्द, चक्कर आना, पेट में दर्द, बेचैनी, उल्टी, कमजोरी  आदि जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं. ऐसा होने पर तुरंत हीटर को बंद कर दें और अपने कमरे के खिड़की-दरवाजे खोल दें. ताकि कमरे से कार्बन मोनोऑक्साइड निकल सके और स्वच्छ हवा कमरे में आ सके. 


Disclaimer: यह लेख केवल सामान्य जानकारी प्रदान करता है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय पर आधारित नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने डॉक्टर की सलाह लें.  ज़ी मीडिया इस जानकारी के लिए पुष्टि नहीं करता है.