चंडीगढ़- World Water Day 2022: ये कहावत तो आपने जरूर सुनी होगी कि जल ही जीवन है और जल से ही हमारा कल जुड़ा है. पानी हमारी बेसिक जरूरत होने के साथ-साथ जीवन का आधार भी है.


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पृथ्वी लोगों को नेचुरल रिसोर्सेज देती है, जिसके बिना लोग जीवन व्यतीत भी नहीं कर सकते हैं. इन्हीं रिसोर्सेज को महत्तवता देते हुए हम खास दिन के रूप में मनाते हैं, जिसमें से एक “वर्ल्ड वाटर डे” (World Water Day) है.


वाटर डे को मनाने का लक्ष्य है 2030 तक सभी के लिए पानी और स्वच्छता के समर्थन में वैश्विक जल संकट से निपटने के लिए कार्य करना. 


विश्व जल दिवस का इतिहास-


यह दिवस मनाए जाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र द्वारा साल 1992 में ब्राजील के रियो द जेनेरियो में आयोजित 'पर्यावरण तथा विकास का संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन' (UNCED) में की गई थी। पहला विश्व जल दिवस 22 मार्च 1993 को मनाया गया था.


1993 से जारी हर साल 22 मार्च के दिन मनाए जाने वाला वर्ल्ड वाटर डे, पानी के महत्व को उजागर करता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर के करीब 200 बड़े शहर पानी की समस्या से परेशान है. 


पानी की कमी-


बता दें कि केप टाउन, बेंगलुरु और चेन्नई जैसे शहरों में ज्यादा अंतर नहीं है लेकिन ऐसे विकसित शहरों में पानी की कमी गंभीर हो रही है. जानकारों के मुताबिक पिछले दो दशकों में बेंगलुरु में पानी का संकट और कम हुआ है. भूजल स्तर में गिरावट के लिए अनियोजित शहरीकरण (unplanned urbanization) जिम्मेदार है.


रिपोर्ट के अनुसार 2.2 बिलियन (2.2 Billion) से अधिक लोग सुरक्षित पानी से वंचित रह जाते हैं. इस साल को ये दिन वैश्विक जल संकट (global water crisis) को उजागर कर रहा है और इसका उद्देश्य 2030 तक सभी के लिए लगातार स्वच्छता प्राप्त करने में सहायता करना है. 


प्रधानमंत्री का ट्वीट-


इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट किया है, “विश्व जल दिवस पर, आइए पानी की एक-एक बूंद को बचाने की अपनी प्रतिज्ञा की पुष्टि करें. हमारा देश जल संरक्षण और हमारे नागरिकों के लिए स्वच्छ पेयजल तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए जल जीवन मिशन जैसे कई उपाय कर रहा है.”



 


2050 तक करना होगा सामना-


रिपोर्ट के मुताबिक, 2050 तक दुनिया के 36 फीसदी शहर जल संकट का सामना करेंगे और शहरी पानी की मांग 80 फीसदी तक बढ़ जाएगी. ऐसा अनुमान है कि 400 मिलियन लोग वर्तमान में उन शहरों में रह रहे हैं जहां साल के 12 महीनों के लिए पानी की कमी होती है और अनुमान है कि आने वाले दिनों में यह संख्या बढ़कर एक अरब हो सकती है. संयुक्त राष्ट्र ने 2050 तक 5.7 बिलियन लोगों को पेयजल संकट का सामना करने के साथ, वैश्विक पानी की कमी की चेतावनी दी है.