हिमाचली टोपी ऐतिहासिक रूप से किन्नौर से संबंधित थी और बुशहर और कुल्लू रियासत के माध्यम से हिमाचल प्रदेश के अन्य हिस्सों तक पहुंचती थी. इन टोपियों की बुनाई की शैली और उपयोग की जाने वाली सामग्री एक-दूसरे से भिन्न होती है.
Belongs to
हरे रंग की विशिष्ट किन्नौरी/बुशहरी टोपी हिमाचल के साथ-साथ देहरादून, उत्तरकाशी और टिहरी गढ़वाल में भी पहनी जाती है। उत्तरकाशी और गढ़वाल के पड़ोसी क्षेत्रों में एक समान, लेकिन अलग-अलग प्रकार की लाल रंग की टोपी पहनी जाती है. ये टोपियाँ हिमाचल और गढ़वाल के ऊपरी जिलों में अधिक प्रचलित हैं। गढ़वाल में इन टोपियों को सिकोली के नाम से भी जाना जाता है.
Material and Shape
हिमाचली टोपी हिमाचल प्रदेश की लोकप्रिय कला और शिल्प में से एक है। हिमाचली टोपी आमतौर पर ऊन से बनी होती है और इसका आकार आमतौर पर गोल या नाव के आकार का होता है.
Traditional wear
हिमाचली टोपी एक दैनिक पहनने का अभिन्न अंग है, और यह स्थानीय उत्सवों, धार्मिक कार्यों और विवाहों के दौरान आम है। लगभग सभी पहाड़ी इलाकों में पुरुष टोपी पहनते हैं, और महिलाएं दुपट्टा (धाटू) पहनती हैं। हिमाचली टोपियां सांस्कृतिक पहचान का प्रतिनिधित्व करती हैं और हिमाचल में लोग टोपी को गौरव मानते हैं जैसे पंजाब में सिखों के लिए पगड़ी होती हैं.
Political identity
हिमाचली टोपी का रंग लंबे समय से पहाड़ी राज्य में राजनीतिक वफादारी का सूचक रहा है, वीरभद्र सिंह जैसे कांग्रेस पार्टी के नेता हरी बैंड वाली टोपी पहनते हैं और प्रतिद्वंद्वी भाजपा नेता प्रेम कुमार धूमल मैरून बैंड वाली टोपी पहनते हैं।
Kinnouri topi
यह टोपी हरे रंग की होती है, इसे ज्यादातर किन्नौर, रामपुर बुशहर और शिमला में पहना जाता है. किन्नौर में यह टोपी सबसे ज्यादा प्रसीद है इसे सारे धार्मिक कार्यक्रमों में पहना जाता है. किन्नौर में लोग इस टोपी के ऊपर फूल भी लगाते हैं।
Bushahri topi
लाल और हरे रंग की टोपियां ज्यादातर हिमाचल के रामपुर बुशैहर क्षेत्र में पहनी जाती है जिस के कारण उन्हें बुशहरी टोपी के नाम से जाना जाता है. हरे रंग की टोपी हिमाचल के पूर्व सीएम वीरभदार सिंह की मनपसंद टोपिओ में से एक हैं. यह भी कहा जाता है की अगर हरे रंग की बुशहरी टोपी पर फूल लगा दें तो वो किन्नौरी टोपी कहलाती हैं.
Kulluvi topi
कुल्लू-मनाली वाले इलाको में लोग ज्यादातर इस रंग बिरंगी टोपी को पहनते है जो की वहां की परंपरा को दर्शाता है. लोग इस टोपी को जरुरी धार्मिक कार्यक्रम के साथ साथ आम दिन में भी पहनते हैं. कुल्लूवी टोपी सूती परत वाली एक पारंपरिक ऊनी टोपी है, यह बहुत गर्म होती है और गर्म रहने के लिए पुरुष और महिलाएं दोनों इसे पहनते हैं
Lahuli topi
हिमाचल प्रदेश के लाहौल क्षेत्र में पहनी जाने वाली लाहौली टोपी, अपने कुल्लुवी ऊनी टोपी के समान है. केवल अंतर यह है कि लैपेट पर अलंकरण के माध्यम से कोई अतिरिक्त उपचार प्रदान नहीं किया जाता है. यह टोपी के बाकी हिस्से की तरह ही सादा रहता है.