नए केवी और नवोदय स्कूल को कैबिनेट की मंजूरी, देश भर में खुलेंगे 85 नए केंद्रीय विद्यालय!
85 New KVS in India: केंद्र की मोदी सरकार देशभर में 85 नए केंद्रीय विद्यालय खोलेगी. इससे काफी अधिक संख्या में विद्यार्थियों को लाभ होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे विद्यार्थियों के हित में उठाया गया बड़ा कदम बताया है.
85 New KVS in India: देश में केंद्रीय विद्यालय खोलने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "स्कूली शिक्षा को ज्यादा से ज्यादा सुलभ बनाने के लिए हमारी सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है. इसके तहत देश भर में 85 नए केंद्रीय विद्यालय खोले जाएंगे. इस कदम से जहां बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को लाभ होगा, वहीं रोजगार के भी बहुत सारे नए अवसर बनेंगे."
सभी कक्षाओं में दो अतिरिक्त सेक्शन जोड़ा जाएगा
दरअसल, पीएम मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने देशभर में सिविल/रक्षा क्षेत्र के अंदर 85 नए केन्द्रीय विद्यालय खोलने और एक मौजूदा केवी यानी केवी शिवमोग्गा, जिला शिवमोग्गा, कर्नाटक के विस्तार को मंजूरी दे दी है. इस केन्द्रीय विद्यालय योजना के अंतर्गत सभी कक्षाओं में दो अतिरिक्त सेक्शन जोड़कर केन्द्र सरकार के कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि की जा सकेगी.
देश में 1,256 केंद्रीय विद्यालय संचालित हैं
85 नए केन्द्रीय विद्यालयों की स्थापना और केवी शिवमोग्गा के विस्तार के लिए 2025-26 से आठ साल की अवधि में कुल करीब 5872.08 करोड़ रुपए खर्च होंगे. वर्तमान समय में देश में 1,256 केंद्रीय विद्यालय संचालित हैं, जिसमें तीन विदेशी- मास्को, काठमांडू और तेहरान केंद्रीय विद्यालय भी शामिल हैं. इसमें करीब 13.56 लाख छात्र पढ़ते हैं.
एक केंद्रीय विद्यालय में करीब 960 छात्र पढ़ेंगे
इस योजना के अंतर्गत तैयार होने वाले एक केंद्रीय विद्यालय में करीब 960 छात्र पढ़ेंगे. इस प्रकार 86 केंद्रीय विद्यालयों से करीब 82,560 छात्र लाभान्वित होंगे. पूरी तरह तैयार एक केंद्रीय विद्यालय से करीब 63 व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा. वहीं, एक केवी शिवमोग्गा के 33 नए पद जुड़ेंगे. ऐसे में कुल 5,388 प्रत्यक्ष स्थायी रोजगार के अवसर पैदा होंगे.
1962 में केन्द्रीय विद्यालयों की योजना को मंजूरी मिली थी
आपको बता दें कि भारत सरकार ने नवंबर 1962 में केन्द्रीय विद्यालयों की योजना को मंजूरी दी थी, ताकि स्थानांतरित होने वाले केन्द्रीय सरकार/रक्षा कर्मचारियों के बच्चों के लिए पूरे देश में एक समान मानक की शैक्षिक सुविधाएं प्रदान की जा सकें. इसका नतीजा से निकला कि भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की एक इकाई के रूप में "केन्द्रीय विद्यालय संगठन" की शुरुआत की गई. शुरुआत में, शैक्षणिक वर्ष 1963-64 के दौरान रक्षा स्टेशनों में 20 रेजिमेंटल स्कूलों को केन्द्रीय विद्यालयों के रूप में लिया गया था.