NTA Supreme Court Hearing: सुप्रीम कोर्ट आज यानी सोमवार को नीट-यूजी 2024 के दोबारा होने की मांग करने वाली कई पिटीशन की जांच करेगा. इन पिटीशन में कथित पेपर लीक और दूसरी गड़बड़ियों का हवाला दिया गया है. यह सुनवाई ऐसे जरूरी मोड़ पर हो रही है, जब एग्जाम देने वाले 23 लाख से ज्यादा उम्मीदवारों की फिक्र अधर में लटकी हुई है.


नीट मामले में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई


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इन पिटीशन पर सुनवाई न्यायाधीश (सीजेआई) धनंजय वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ के जरिए की जाएगी. पीठ के अन्य सदस्य न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा हैं. NEET-UG 2024 में शामिल होने वाले उम्मीदवारों के लिए बहुत कुछ दांव पर लगा हुआ है. भारत भर में MBBS, BDS और दूसरे मेडिकल अंडरग्रेजुएट मेडिकल कोर्सेज में भर्ती के लिए NTA के जरिए 5 मई को कराया गया एग्जाम विवादों में घिर गया है. जिसमें प्रश्नपत्र लीक और बढ़े हुए अंक के आरोप शामिल हैं.


क्या है पूरा मसला?


ये मुद्दे पॉलिटिकल पार्टीज के लिए देशव्यापी विवाद का मुद्दा बन गए हैं, जिसकी वजह से हज़ारों छात्र हफ़्तों तक विरोध प्रदर्शन करते रहे हैं. इस साल की परीक्षा 571 शहरों में 4,750 केंद्रों पर कराई गई थी, जिनमें से 14 सेंटर विदेश में थे. 4 जून को ऐलान हुए नतीजों ने तब विवाद खड़ा कर दिया जब 67 उम्मीदवारों ने 720 में से 720 नंबर दिए गए, जिनमें से कुछ एक ही एग्जाम सेंटर के थे.


इस रुख का समर्थन करते हुए, NEET आयोजित करने वाली NTA ने भी टॉप कोर्ट में अलग से एक हलफनामा दायर किया था. जिसकमें तर्क दिया कि एग्जाम रद्द करना “प्रतिकूल” होगा और मेधावी छात्रों के करियर की संभावनाओं को खतरे में डाल देगा, भले ही कदाचार के मामले “मामूली”, “छिटपुट” और “बिखरे हुए” हों. एनटीए ने इस बात पर जोर दिया कि खास जगहों पर इन कदाचारों में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.


एनटीए के खिलाफ लगातार प्रोटेस्ट जारी है. रविवार को भी छात्र संगठनों ने NEET के आयोजन में कथित अनियमितताओं को लेकर विरोध प्रदर्शन किया और कई ग्रुप ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर दोबारा परीक्षा कराने की मांग की.


सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी आरोपों की गंभीरता को स्वीकार किया है और परीक्षा प्रक्रिया की अखंडता बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया है. 18 जून को पहले की सुनवाई में, शीर्ष अदालत की अवकाश पीठ ने NEET-UG 2024 के आयोजन में NTA की ओर से 0.01% लापरवाही से भी पूरी तरह निपटने के महत्व को रेखांकित किया था.