भारतीय खो-खो खिलाड़ी नसरीन शेख अर्जुन पुरस्कार के लिए नामित
Arjun Award: भारत की खो-खो खिलाड़ी नसरीन शेख को हाल ही में अर्जुन पुरस्कार के लिए नामित किया गया और उनके जीवन बायोपिक को `अल्टीमेट खो-खो` टूर्नामेंट के उद्घाटन समारोह के दौरान दिखाया जाएगा.
Arjun Award: भारतीय खो-खो महासंघ ने शनिवार को ऐलान किया है कि 24 दिसंबर से ओडिशा के कटक में होने वाले 'अल्टीमेट खो-खो' टूर्नामेंट के उद्घाटन समारोह के दौरान दर्शकों को खो-खो की उमदा खिलाड़ी नसरीन शेख की बायोपिक दिखाई जाएगी. नसरीन को हाल ही में खो-खो के खेल में प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार के लिए नामित किया गया था. जो लोग खो-खो में अपना करियर बनाना चाहतें हैं, उनके लिए नसरीन शेख गर्व और प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं.
नसरीन की कामयाबी का जश्न मनाने और भारतीय खो-खो महासंघ के चल रहे अभियान का स्पोट करने के लिए नसरीन शेख की जीवन यात्रा पर केंद्रित एक बायोपिक पर काम चल रहा है. महासंघ के चल रहे इस अभियान का मकसद आर्थिक रूप से वंचित बच्चों को खेल में शामिल करके उन्हें मजबूत बनाना है.
नसरीन दूसरो के लिए बनी मिसाल
अपने जीवन के सभी परेशानियों का सामना करते हुए पली-बढ़ी नसरीन के मजबूत इरादो ने उन्हें अर्जुन पुरस्कार तक पहुंचाया है, जो उनकी कड़ी मेहनत और क्षमताओं का प्रमाण है. उनकी कहानी उम्मीद की किरण है, जो बताती है कि मजबूत इरादो से जीवन के सभी परीक्षाओं पर जीत हासिल की जा सकती है. नसरीन शेख की बायोपिक असाधारण जीवन और उपलब्धियों पर है, जो कि ओडिशा में आयोजित होने वाले खो-खो लीग के दूसरे संस्करण 'अल्टीमेट खो खो' के उद्घाटन समारोह का मुख्य आकर्षण होगी. इस लीग में छह दुर्जेय टीमें शामिल होंगी, जिसमें ओडिशा जगरनॉट, चेन्नई क्विक गन्स, गुजरात जायंट्स, मुंबई प्लेयर्स, राजस्थान वॉरियर्स और तेलुगु वॉरियर्स है.
सुधांशु मित्तल ने ट्वीट कर दी बंधाई
भारतीय खो-खो महासंघ के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने बुधवार को एक ट्वीट के जरिए से गर्व के साथ नसरीन शेख को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित करने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा है- "खो-खो फेडरेशन ऑफ इंडिया का लक्ष्य देश भर में वंचित परिवारों से ऐसी कई उम्दा खिलाड़ियों की खोज करना और उनका पोषण करना है. जिससे उन्हें जीवन में एक ऐसे चरण की ओर मार्गदर्शन किया जा सके जहां वे न केवल अपने परिवारों के लिए बल्कि बड़े पैमाने पर समाज के लिए भी मिसाल बन सकें." इसके अलावा मित्तल ने यह भी कहा है- ''भारतीय खो-खो महासंघ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खो-खो को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है. कबड्डी की तरह खो-खो एक ऐसा खेल है जो पूरी तरह से मानवीय भावना और जुनून पर निर्भर करता है. इसमें किसी विशेष टूल की आवश्यकता नहीं है और हमारे समर्पित प्रचार प्रयासों के माध्यम से इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति मिली है."