Ranji Trophy 2024-25: BCA की आपसी लड़ाई में फंसा बिहार के क्रिकेटरों का भविष्य, डर के माहौल में कर रहे हैं प्रैक्टिस
Ranji Trophy 2024-25: बिहार के क्रिकटरों का भविष्य एक बार पिर खतरे में आ गया है. इसकी सबसे बड़ी बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अंदर बर्चस्व की लड़ाई है. रणजी ट्रॉफ़ी 2024-25 के आग़ाज़ में अब एक हफ़्ते से भी कम का वक्त बचा है. लेकिन बोर्ड के चेयरमैन और सेक्रेटरी की लड़ाई की वजह से अभी तक खिलाड़ियों का चयन भी नहीं हुआ है. जिसके चलते बिहार के खिलाड़ियों में डर का माहौल बना हुआ है.
Bihar Cricket: भारत की सबसे प्रतिष्ठित घरेलू टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफ़ी 2024-25 के आग़ाज़ में अब एक हफ़्ते से भी कम का वक्त बचा है. बीसीसीआई द्वारा आयोजित इस लाल बॉल प्रतियोगिता के लिए खिलाड़ी और राज्य संघ पूरी तरह से तैयारियों में जुटे हैं. लेकिन बिहार में सब कुछ इसके उलट है. यहां बिहार क्रिकेट संघ (बीसीए) के अध्यक्ष राकेश तिवारी और बीसीए के सेक्रेटरी अमित कुमार के बीच वर्चस्व की लड़ाई जारी है. इसी वजह से खिलाड़ी भी दो हिस्सों में बंट गए हैं.
चेयरमैन और सेक्रेटरी की लड़ाई का ख़ामियाज़ा बिहार के खिलाड़ियों और क्रिकेट को भुगतना पड़ रहा है. बिहार का पहला मुक़ाबला 11 अक्टूबर को हरियाणा के ख़िलाफ़ है, जो रोहतक के स्टेडियम में खेला जाना है, लेकिन इतना कम वक्त होने के बावजूद अब तक टीम का ऐलान नहीं हुआ है. लेकिन यहां इससे भी ज्यादा हैरान करने वाली बात यह है कि सेक्रेटरी और चेयरमैन ने टीम के चयन के लिए खिलाड़ियों को ट्रायल में आने का बुलावा भेजा है, जो एक ही वक्त और तारीख़ों में अलग-अलग मैदान पर चल रहे हैं.
बिहार के खिलाड़ियों को पिछले साल की ही तरह सता रही चिंता
जिन खिलाड़ियों को चयन के लिए बुलाया गया है उनमें से कई खिलाड़ियों के नाम दोनों ही ट्रायल लिस्ट में हैं. ऐसे में खिलाड़ियों को एक बार फिर ये चिंता सता रही है कि वह किस टीम में रहें और कौन सी टीम को बीसीसीआई की तरफ़ से मान्यता मिलेगी. यानी तस्वीर साफ होती हुई नजर आ रही है कि इस बार भी पिछले साल की तरह पहले मैच से पहले काग़ज़ पर बिहार की दो अलग-अलग टीमें नजर आएंगी. दरअसल, पिछले साल बिहार की टीम जब मुंबई के ख़िलाफ़ मैदान पर ऊतर की तैयरी में थी तो कागज पर दो टीमों चयन हुआ था.
कौन हैं ज़िशान उल यक़ीन, जिसे HC के आदेश के बाद बनाया गया है सेलेक्शन कमेटी के अध्यक्ष?
इस बार हालात पहले से भी ज़्यादा जटिल है, क्योंकि एक तरफ़ बीसीए चेयरमैन तिवारी और सीईओ मनीष राज ने करीब 60 खिलाड़ियों को ट्रायल के लिए बुलावा भेजा है, वहीं पटना हाईकोर्ट के हुक्म के बाद लोकपाल नियुक्त किए गए जस्टिस शैलेश कुमार सिन्हा ने बीसीए सेक्रेटरी कुमार को दोबारा पदभार संभालने का आदेश दिया है. उन्हें सालाना जनरल मीटिंग (AGM) बुलाने और सेलेक्शन कमेटी गठित करने का भी निर्देश मिला था. जिसके बाद कुमार ने 30 सितंबर को बीसीए की एजीएम की अगुआई भी की और उस दौरान बिहार क्रिकेट के फ्यूचर और आगामी रणजी ट्रॉफ़ी के मद्देनज़र कई फ़ैसले भी लिए.
इसमें बिहार सीनियर मेंस टीम की सेलेक्शन प्रोसेस के लिए सेलेक्शन कमेटी का गठन भी शामिल था. इस सेलेक्शन कमेटी का अध्यक्ष पूर्व बिहार रणजी खिलाड़ी ज़िशान उल यक़ीन को बनाया गया है. ज़िशान पहले भी सेलेक्शन कमेटी के अध्यक्ष रह चुके हैं. इसका मतलब यह है कि अब बिहार की रणजी क्रिकेट टीम का चयन करने के लिए दो सेलेक्शन कमेटी है.
खिलाड़ियों में डर का माहौल
बिहार क्रिकेट के भविष्य को लेकर क्रिकेट फैंस में काफी चिंता है. दशकों को बाद बिहार को बीसीसीआई ने मान्यता दी है. वहीं, खिलाड़ी इस बात को लेकर परेशान हैं कि वह कहां और किस मैदान पर सेलेक्शन के लिए ट्रायल देने जाएं. ईएसपीएनक्रिकइंफो ने बिहार के कुछ खिलाड़ियों से सवाल किया की आप ट्रायल देने के लिए कहां जा रहे हैं? तो इस पर उन्होंने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि उनमें डर का माहौल है. चूंकि पिछली बार तिवारी की अगुआई वाली टीम को ही बीसीसीआई ने हरी झंडी दी थी. इसलिए वे इस बार भी उसी मैदान पर ट्रायल देने जाएंगे, जहां तिवारी और राज ने बुलाया है.
बिहार अपने घर में खेलेंगे 4 मैच
उल्लेखनीय है कि अब तक इन दोनों गुटों और सेलेक्शन कमेटियों ने संभावित खिलाड़ियों की लिस्ट भी नहीं तैयार की है, जबकि रोहतक में हरियाणा के ख़िलाफ़ होने वाले मुक़ाबले में अब महज़ पांच दिनों का वक्त रह गया है.
रणजी ट्रॉफ़ी के इस सीज़न में भी बिहार एलीट ग्रुप में ही शामिल है, जहां उन्हें 7 लीग मैच खेलने हैं. बिहार टीम अपने चार बिहार से बाहर मुक़ाबले बाहर, जबकि तीन मैच अपने घर पर खेलेंगी.