Tom Hartley Stats: हैदराबाद टेस्ट में इंग्लैंड ने मेजबान भारत को 231 रनों का लक्ष्य दिया था. जवाब में टीम इंडिया के ऑपनर बल्लेबाज रोहित शर्मा और यशस्वी जायसवाल ने शानदार शुरुआत की, लेकिन इंग्लैंड ने भारत के अभेद किले को भेद दिया. वो भी रेड बॉल क्रिकेट में, जिसमें भारतीय टीम पिछले कई सालों से घरेलू मैदान पर सीरीज नहीं हारी है. इस जीत में मुख्य भूमिका निभाले वाले खिलाड़ी ठीक उसी तरह है, जिस तरह वेस्टइंडीज के शमार जोसेफ ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गाबा टेस्ट में किया. हम जिस खिलाड़ी की बात कर रहे हैं वो कोई और नहीं बल्कि इस सीरीज में इंग्लैंड की तरफ से डेब्यू कर रहे टॉम हार्टले है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दरअसल, टॉम हार्टले ने हैदराबाद में खेले गए मैच की दूसरी पारी भारतीय बल्लेबाजों की जमकर क्लास लगाई. उन्होंने इस दौरान 7 बल्लेबाजों को पवैलियन का रास्ता दिखाया, जिसकी बदौलत ने इंग्लैंड ने भारत को  28 रनों से शिकस्त दी. इसी के साथ मेहमान टीम ने 5 मैचों की सीरीज में 1-0 से बढ़त बना ली है.


हार्टले ने भारतीय कप्तान रोहित शर्मा के अलावा यशस्वी जयसवाल, शुभमन गिल, अक्षर पटेल, केएस भरत, रवि अश्विन और मोहम्मद सिराज को पवेलियन भेजा. हार्टले के इस शानदार प्रदर्शन ने सब को अपनी तरफ खींच लिया है. साथ ही उन्होंने अपने डेब्यू टेस्ट में अलग ही छाप छोड़ी. जानकारों का कहना है कि अगले चार मैचों में टॉम हार्टले टीम इंडिया के लिए काफी बड़ी चुनौती बन सकते हैं. बहरहाल, आज हम आपको टॉम हार्टले के करियर के बारे में बताएंगे.


डेब्यू टेस्ट में हार्टले का कहर
युवा स्पिनर टॉम हार्टले का पहली पारी प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा. उन्होंने पहली पारी में 131 रन देकर महज दो विकेट चटकाए थे. हालांकि, इस युवा स्पिनर की गेंदबाज की बॉलिंग में काफी विविधता देखने को मिली थी, जो यह बता रही थी कि भारतीय परिस्थिति में ये अलग ही छाप छोड़ेंगे. जिसको उन्होंने बखूबी कर दिखाया. हार्टले ने दूसरी पारी में शानदार वापसी करते हुए महज 62 रन खर्च कर 7 अहम विकेट लिए. इस तरह से उन्होंने अपने डेब्यू मैच में 9 बल्लेबाजों को आउट किया.   


ऐसा है टॉम हार्टले का क्रिकेट करियर
लंबे कद के इस स्पिन गेंदबाज का जन्म 3 मई 1999 को इंग्लैंड के लंकाशायर में हुआ. उन्होंने अपना फर्स्ट क्लास डेब्यू साल 2020 में लंकाशायर के लिए किया. इसके बाद उन्होंने THE HUNDRED लीग के पहले सीजन में  मैनचेस्टर ओरिजिनल्स के लिए खेला. इन दोनों टूर्नामेंट में उन्होंने अपने लाइन और लेंग्थ से लोगों को काफी प्रभावित किया, परिणामस्वरूप उन्हें मैनेजमेंट ने आयरलैंड दौरे के लिए टीम में मौका दिया. हालांकि, वो यहां कुछ खास नहीं कर पाए. अब भारत में आकर उन्होंने इतिहास रच दिया.