IND vs ENG: तीसरे टेस्ट में इंग्लैंड की हार से ब्रिटिश मीडिया में मची खलबली; कहा,`बैज़बॉल नहीं बैज़फ़ॉल है`
IND vs ENG: राजकोट टेस्ट में भारत ने इंग्लैंड को 434 रनों के बड़े अंतर हराया है. इस के साथ इंग्लैंड सीरीज में 1-2 से पिछड़ गया है. दूसरी पारी में 557 रन के विशाल लक्ष्य का पीछा करने उतरी मेहमान टीम सिर्फ 122 रन पर ढेर हो गई.
IND vs ENG: इंग्लैंड ने 5 मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मैच जीतने के बाद दूसरे और तीसरे टेस्ट में लगातार हार का सामना करना पड़ा है. राजकोट टेस्ट में भारत ने इंग्लैंड को 434 रनों के बड़े अंतर हराया है. इस के साथ इंग्लैंड सीरीज में 1-2 से पिछड़ गया है. दूसरी पारी में 557 रन के विशाल लक्ष्य का पीछा करने उतरी मेहमान टीम सिर्फ 122 रन पर ढेर हो गई. इस हार के बाद इंग्लैंड टीम इंग्लिश मीडिया के हत्थे चढ़ गई. यूनाईटेड किंगडम के कई मीडिया हाउस 'बैज़बॉल' क्रिकेट की जमकर आलोचना कर रहे हैं.
राजकोट टेस्ट के दूसरे दिन तक इंग्लैंड की स्थिति में थी. लेकिन तीसरे दिन जब इंग्लैंड बल्लेबाजी करने ऊतरी तो तब स्कोर 207/2 था. हालांकि, इसके बाद चीजें तेजी से बिगड़ गईं. मेहमान टीम 319 रन पर ऑल आउट हो गई. भारत ने पहली पारी में इंग्लैंड की विफलता का पूरा फायदा उठाया. टीम इंडिया ने दूसरी पारी में 430 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया और इंग्लैंड को 557 रनों का लक्ष्य दिया. इंग्लैंड की दूसरी पारी काफी निराशाजनक रही और 434 रनों से शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा.
ब्रिटिश मीडिया ने इंग्लैंड टीम की आलोचना
इंग्लैंड के इस हार के बाद अंग्रेजी मीडिया ने जमकर फजीहत की है. उन्होंने टीम के प्रदर्शन की कड़ी आलोचना की. 'द टेलीग्राफ' के एक लेख की हेडलाइन में लिखा है, "बेन स्टोक्स की टीम सपाट थी, विचारों की कमी थी और यहां तक कि वह पुराने इंग्लैंड की तरह दिखने लगी थी."
'स्टोक्स को अपने करियर में बहुत कम दिलचस्पी है'
वहीं, इंडिपेंडेंट ने अपने टाइटल में लिखा, "बैज़बॉल के इस युग में भारत ने इंग्लैंड को हरा दिया". जबकि आलोचना को आगे बढ़ाते हुए, द टेलीग्राफ ने लिखा,"यह शायद सबसे अच्छी बात है कि बेन स्टोक्स को अपने करियर में बहुत कम दिलचस्पी है, क्योंकि उनका 100वां टेस्ट मैच वह है जिसे वह भूलना चाहेंगे. इंग्लैंड के कप्तान के रूप में यह उनकी पहली वास्तविक पिटाई थी."
'द सन' ने टाइटल अपने लेख का टाइटल 'बज़फ़ॉल' रखा है. उन्होंने कहा, "इंग्लैंड अपनी आक्रामक 'बैज़बॉल' शैली को नहीं छोड़ेगा. लेकिन यह साफ है कि रणनीति में बदलाव की ज़रूरत है - खासकर अच्छी टीमों के खिलाफ".