IND vs WI Match: अजिंक्य रहाणे को उप-कप्तानी मिलने से खफा हैं गांगुली! कह डाली बड़ी बात
IND vs WI: भारत और वेस्टइंडीज के मैत में अजिंक्य रहाणे को उपकप्तानी मिलने को लेकर सौरव गांगुली थोड़े खफा नजर आ रहे हैं. उन्होंने इस मामले को लेकर बयान दिया है. पढ़ें पूरी खबर
IND vs WI: भारत के फॉर्मर कप्तान और बीसीसीआई प्रसिडेंट सौरव गांगुली को अजिंक्य रहाणे को टेस्ट में उप-कप्तानी देने पर काफी हैरानी हुई है. उन्होंने इसको लेकर एक बड़ा बयान दिया है. आपको बता दें रहाणे 18 महीने से स्क्वाड से बाहर थे. जिसके बाद वह वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में वापस आए. जिसके बाद अब उन्हें उप कप्तानी दी है. इस फैसले से सौरव गांगुली को काफी हैरानी हुई है.
भारत बनाम वेस्टइंडीज मैच: अजिंक्य के हाथ में उपकप्तानी
अजिंक्य रहाणे एक बेहतरीन बल्लेबाज हैं. वह तकरीबन डेढ़ साल इंटरनेशन क्रिकेट दूर थे. जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में उनकी वापसी हुई है. जिसमें उन्होंने 89 और 46 रन स्कोर किया. ये मैच इंग्लैंड के ओवल ग्राउंड में हुआ था. उन्होंने वापसी के बाद केवल एक मैच खेला था. जिसके बाद उन्हें इंटेरिम चीफ सुंदर दास की अध्यक्ष्ता वाली कमेटी ने उप कप्तान घोषित कर दिया है.
ऐसे में कई लोगों का मानना है कि उप-कप्तानी के लिए कई और नाम हो सकते थे. शुभमन गिल और रवींद्र जड़ेजा इसके लिए एक मजबूत केंडिडेट्स थे. अब राहुल द्रविड़ ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को इस बारे में बताया है.
क्या बोले राहुल द्रविड़?
राहुल द्रविड़ ने कहा- "मैं यह नहीं कहूंगा कि यह एक कदम पीछे है. आप 18 महीने तक बाहर रहे हैं, फिर आप एक टेस्ट खेलते हैं और आप उप-कप्तान बन जाते हैं. मैं इसके पीछे की विचार प्रक्रिया को नहीं समझ पा रहा हूं. वहां रवींद्र जड़ेजा हैं, जो लंबे समय से वहां हैं और टेस्ट मैचों में निश्चित रूप से वह एक उम्मीदवार हैं."
राहुल कहते हैं 28 महीने बाद वापस आना औप फिर सीधे वाइस कप्तान बन, मुझे समझ नहीं आ रहा है. मेरा मानना है कि सेलेक्शन हॉट एंड कोल्ड नहीं होना चाहिए. चयन में निरंतरता और स्थिरता होनी चाहिए,''
पुजारा के बारे में क्या कहा?
सौरव गांगुली ने कहा- चयनकर्ताओं को उनके (पुजारा) बारे में स्पष्ट विचार होना चाहिए. क्या उन्हें अब टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए उनकी ज़रूरत है या क्या वे युवाओं के साथ खेलना जारी रखना चाहते हैं और उन्हें यह बात बताना चाहते हैं. पुजारा जैसे किसी को हटाया नहीं जा सकता, फिर उठाया, फिर गिराया और फिर चुना. अजिंक्य रहाणे के साथ भी ऐसा ही है.''