Team India: चोटिल खिलाड़ियों को पास करने होंगे डेक्सा और यो-यो टेस्ट; जानिए क्या होते हैं ये?
Team India: टीम इंडिया में चोटिल हुए खिलाड़ियों के लिए अब डेक्सा और यो-यो टेस्ट को जरूरी कर दिया है. आज हम आपको बताएंगे कि कैसे होते हैं डेक्सा और यो-यो टेस्ट और यह क्यों जरूरी हैं.
Team India: भारतीय क्रिकेट टीम की आज रिव्यू मीटिंग हुई है. इसमें कई बड़े फैसले लिए गए हैं. जानकारी के मुताबिक टी20 वर्ल्ड कप के लिए 20 खिलाड़ियों को सेलेक्ट किया गया है. इसके साथ चोटिल हुए खिलाड़ियों के लिए डेक्सा और यो-यो टेस्ट जरूरी कर दिए गए हैं. जानकारी के मुताबिक ये फैसला नेशनल टीम के लिए लिया गया है. डेक्सा (DEXA) यानी डुअल एनर्जी एक्स-रे एब्जोर्बमेटरी (Dual-energy X-ray absorptiometry) अब उन सभी प्लेयर्स के लिए जरूरी है जो चोटिल होने के बाद टीम में वापसी कर रहे हैं.
डेक्सा टेस्ट क्या है? (What is DEXA Test?)
डेक्सा (Dexa) यानी डुअल एनर्जी एक्स-रे एब्जोर्बमेटरी (Dual-energy X-ray absorptiometry) एक खास तरीका है जिससे इंसान की हड्डियों की मिनिरल डेंसिटी जांची जाती है. इसमें खास तकनीक का इस्तेमाल होता है. इसमें दो एक्स-रे एक साथ हड्डियों पर डाली जाती हैं जिससे मिनिरल डेंसिटी साफ हो जाती है.
क्यों जरूरी है डेक्सा (Why Dexa is necessary)
आसान भाषा में समझे तो डेक्सा टेस्ट हड्डियों की मजबूती को जांचने के लिए किया जाता है. जब एक प्लेयर की चोट लगती है तो उसके शरीर में बदलाव होते हैं. ऐसे में हड्डियों पर असर पड़ना आम बात है. इस टेस्ट के जरिए जांचा जाता है कि वह एथलीट पूरी तरह से रिकवर हो गया है या नहीं. आपको बता दें एक एथलीट की आम इंसान से बेहतर मिनिरल डेंसिटी होती है.
योयो टेस्ट भी हुआ जरूरी
अब बीसीसी आई ने यो-यो टेस्ट को भी जरूरी कर दिया है. जब चोटिल प्लेयर डेक्सा और योयो को क्लियर करेगा, तभी उसे टीम में एंट्री मिलेगी. यो यो टेस्ट में 20 मीटर की दूरी पर कोन रखे होते हैं. बीप बजने पर खिलाड़ी को भागना होता है और दूसरी बीप के साथ दूसरे कोने पर पहुंचना होता है. तीसरी बीप बजने से पहले खिलाड़ी को अपने शुरूआती पोजीशन पर वापस आना होता है.