नई दिल्लीः संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) अगले पांच सालों तक अफगानिस्तान के घरेलू मैचों की मेजबानी करेगा. इस सिलसिले में दोनों मुल्कों के क्रिकेट बोर्ड ने एक समझौते पर दस्तखत किए हैं. अफगानिस्तान के मौजूदा सियासी हालत को देखते हुए यह फैसला लिया गया है, जिसमें एसीबी राष्ट्रीय टीम के घरेलू फिक्स्चर के लिए यूएई के विश्व स्तरीय स्थानों का इस्तेमाल करना शामिल है. इस समझौते के तहत टेस्ट खेलने वाला मुल्क अफगानिस्तान इन पांच सालों में हर साल यूएई के साथ तीन मैचों की टी-20 सीरीज खेलेगा. एक बयान में, अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के सीईओ नसीब खान ने भरोसा जताया है कि यह समझौता दोनों देशों के लिए फायदेमंद होगा. 

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अफगानिस्तान का इन टीमों से होगा मुकाबला 
अमीरात क्रिकेट बोर्ड के महासचिव मुबाशिर उस्मानी ने बताया, ’’ हम एसीबी (अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड) के लिए यह फैसला करके खुश हैं कि उनके पास खेलने के लिए घरेलू मैदान है. हम यूएई की टीम के खिलाफ हर साल टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों की सीरीज खेलने के लिए रजामंदी जताने पर अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड का  शुक्रिया अदा करते हैं.’’ अभी तक अफगानिस्तान की टीम सीरीज  दर सीरीज के आधार पर अपने अभ्यास सत्र और मैचों का आयोजन कर रही थी. आईसीसी के भविष्य के दौरा कार्यक्रम के मुताबिक अफगानिस्तान को अगले साल ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान और वेस्टइंडीज की वनडे श्रृंखला के लिए मेजबानी करनी है, जबकि उसे जिंबाब्वे के खिलाफ सभी फॉर्मेट में खेलना है. नए करार के तहत अब अफगानिस्तान अपने मैच अबू धाबी, दुबई और शारजाह में खेलेगा.

अफगानिस्तान में नहीं खेला गया कभी घरेलू मैच 
गौरतलब है कि अफगानिस्तान अंतरराष्ट्रीय टीमों की मेजबानी नहीं करता है. क्रिकेट की दुनिया में उभरने के बावजूद, अफगानिस्तान ने सुरक्षा कारणों और अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं की कमी की वजह से अपने ही मुल्क में कभी भी घरेलू मैच नहीं खेले हैं. 2010-16 से शारजाह उनका घरेलू स्थान रहा है. इसके बाद ग्रेटर नोएडा (2017) और देहरादून (2018-19) उनके नए घरेलू स्थान के तौर पर मैच का आयोजन कर रहा था. टीम ने देहरादून में लॉजिस्टिक मुद्दों की वजह से 2019 में लखनऊ के इकाना क्रिकेट स्टेडियम में वेस्टइंडीज के खिलाफ एक ऑल-फॉर्मेट घरेलू सीरीज भी खेली थी.


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