Sajana Sajeevan Profile: वीमेंस प्रीमियर लीग ऑक्शन बीते 9 दिसंबर को मुंबई में आयोजन हुआ. इस ऑक्शन में कई विदेशी और भारतीय खिलाड़ियों पर पैसों की बारिश हुई. वहीं, इस ऑक्शन में इस बार कई भारतीय अनकैप्ड प्लेयर्स पर भी करोड़ों की बोली लगी. काशवी गौतम को गुजरात जायंट्स ने 2 करोड़ में खरीदा तो वहीं वृंदा दिनेश को यूपी वारियर्स ने 1.3 करोड़ में खरीद कर सब को चौंका दिया. लेकिन मुंबई इंडियंस ने 15 लाख खर्च कर एक ऐसे खिलाड़ी स्क्वाड में शामिल किया, जिसकी चर्चाएं क्रिकेट गलियरों खूब हो रही है. इस खिलाड़ी का नाम सजाना सजीवन है.   


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सजाना संजीवन कुरिचिया जनजाति कम्युनिटी से ताल्लुक रखती हैं. इसी तरह से संजाना जीवन विमेंस प्रीमियर लीग में दूसरी आदिवासी क्रिकेटर बन गईं हैं. इससे पहले वायनाड ( केरल ) की रहने वाली मिन्नू मणि विमेंस लीग में खेली थीं. लेकिन संजाना संजीवन का सफर किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं है.


दरअसल, संजाना संजीवन एक ऐसे गांव से आती थी जहां पर क्रिकेट खेलने के लिए न तो फिल्ड था और ना ही मूलभूत सुविधाएं. ऐसे में संजाना ने अपने खेल की शुरुआत गांव मनंतवाडी के बाहरी इलाके के खाली खेतों में नारियल के पेटीओल से  बने बल्ले और प्लास्टिक के गेंद से की. इसमें उनके चचेरे भाईयों और दोस्तों ने भरपूर साथ था.


हालांकि, वे सभी क्रिकेट सिर्फ मस्ती के लिए खेला करते थे. लगभग 17 साल की उम्र तक उसे महिला किकेट के बारे में कुछ भी पता नहीं था, लेकिन इसके बाद किस्मत ने ऐसी करवट ली कि आज वो विमेंस के सबसे  बड़े क्रिकेट लीग में शामिल हो गईं. संजाना मुबंई इंडियंस की जर्सी में नज़र आएंगी. 


पिछले साल भी निलामी में हुई थी शामिल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, "संजाना जीवन पिछले साल भी निलामी पूल में शामिल हुई थीं, लेकिन उनके ऊपर किसी भी फ्रेंचाइजी ने बोली नहीं लगाई थीं. पिछली बार बोली नहीं लगने की वजह से संजाना बहुत परेशान हो गई थी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार कड़ी मेहनत जारी रखी. उन्होंने कहा, " मुझे मालूम था कि अगर मैं मेहनत करती रहूमगी तो मेरी प्रतिभा को जरूर पहचाना जाएगा".


मैं बहुत खुश हूं कि मेरे ऊपर एमआई जैसी टीम ने भरोसा जताई है. अब मेरे ऊपर जिम्मदारी है कि इस फ्रेंचाइजी के लिए खेतले हुए दुनिया के सामने अपनी प्रतिभा को दिखाऊं.