Malegaon Blast Case 2008: साल 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले की एक विशेष अदालत सुनवाई कर रही है. इसी दौरान 30 अक्टूबर को कोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है. जिसके बाद सुरक्षा एजेंसी चौकन्ना हो गई है. एक सरकारी वकील ने आज यह जानकारी दी है. उन्होंने पीटीआई को बताया कि एक अज्ञात व्यक्ति ने 30 अक्टूबर को सत्र न्यायालय के रजिस्ट्रार के कार्यालय में फोन किया और कोर्ट रूम नंबर 26 में बम लगाने की धमकी दी.


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सरकारी वकील ने क्या कहा?
सरकारी वकील ने कहा कि विस्फोट मामले की सुनवाई कर रही विशेष राष्ट्रीय जांच एजेंसी अदालत दक्षिण मुंबई में सिविल और सत्र न्यायालय परिसर में कोर्ट रूम नंबर 26 में बैठती है. हमने मामले की खबर कोलाबा पुलिस स्टेशन को दे दी है. एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि वे विवरण की पुष्टि कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है. कोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी मिलने के बाद कोर्ट में खलबली मच गई है.


क्या है पूरा मामला
वाजेह हो कि 29 सितंबर 2008 को मुंबई से लगभग 200 किलोमीटर दूर उत्तर महाराष्ट्र के एक शहर मालेगांव में एक मस्जिद के पास मोटरसाइकिल पर बंधे विस्फोटक उपकरण के फटने से 6 लोग मारे गए और 100 से ज्यादा जख्मी हो गए. बीजेपी के पूर्व  सांसद प्रज्ञा ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित और पांच दूसरे पर विस्फोट की साजिश में कथित संलिप्तता के लिए मुकदमा चल रहा है.


अदालत कभी भी सुना सकती है सजा
विशेष न्यायाधीश ए के लाहोटी द्वारा आरोपियों के आखिरी बयान दर्ज किए जाने के साथ मुकदमा अपने अंतिम चरण में है. आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत आरोप लगाए गए हैं. इस मामले की जांच शुरू में आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस), महाराष्ट्र द्वारा की गई थी, जिसे 2011 में एनआईए को सौंप दिया गया था.