Legal Action Against Fake Profile: मौजूदा वक्त में सोशल मीडिया का जमाना है. इस वक्त जिनता महत्वपूर्ण किसी शख्स की ऑफ लाइन उपस्थिति है, उतनी ही आवश्यक ऑनलाइन उपस्थिति भी हो गई है. एक्स, फेसबुक, इंस्टाग्राम और लिंकडिन जैसे कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हैं, जहां अपनी मौजूदगी दर्ज कराने के लिए अकाउंट बनाना पड़ता है और इसकी मदद से ऑनलाइन दुनिया में दूर बैठे परिवार के सदस्यों, मित्रों, सहयोगियों और सहकर्मियों से संपर्क स्थापित करना पड़ता है.


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वहीं, जैसे-जैसे लोगों की ऑनलाइन मौजूदगी बढ़ रही है, उससे जुड़े खतरे भी बढ़ रहे हैं. जिसमें सबसे खतरनाक है ऑनलाइन फर्जी अकाउंट बनाना. अब फर्जी प्रोफाइल बनाकर लोगों को कई तरह से शिकार बनाया जा रहा है. किसी से पैसे ऐंठे जा रहे हैं तो किसी को मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है.


फर्जी प्रोफाइल बनाकर लोगों से मांगे जा रहे हैं पैसे 
इस समय भारत में यह धंधा तेजी से फैल रहा है. कई लोगों के रिश्तेदारों और दोस्तों की फर्जी प्रोफाइल बनाकर उनसे पैसे मांगे जा रहे हैं. इसके अलावा कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां हमारे सांसदों, विधायकों, मंत्रियों और यहां तक ​​कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की भी फर्जी प्रोफाइल बनाकर लोगों से पैसे मांगे जा रहे हैं.


फर्जी प्रोफाइल के खिलाफ कैसे करें कानूनी कार्रवाई
ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि अगर किसी ने आपके नाम से फर्जी प्रोफाइल बनाई है तो आप उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कैसे कर सकते हैं और आपके नाम से बने फर्जी अकाउंट से सबूत कैसे जुटाएं, ताकि अपराधियों को सख्त से सख्त सजा मिल सके और ऐसे अपराध में कितने सालों की सजा होती है. आइए जानते हैं.


फर्जी प्रोफाइल दिखे तो क्या करना चाहिए?
1. अगर किसी को सोशल मीडिया पर अपनी कोई फर्जी प्रोफाइल दिखती है, तो उसे सबूत के तौर पर उसका स्क्रीनशॉट और यूआरएल लिंक अपने पास रखना चाहिए. 


2. उसे अपनी असली प्रोफाइल में फर्जी प्रोफाइल के बारे में चेतावनी जारी करनी चाहिए, ताकि उसकी असली प्रोफाइल से जुड़े लोग सतर्क हो जाएं.


3. जिस प्लेटफॉर्म पर फर्जी प्रोफाइल बनी है, उसे तुरंत प्लेटफॉर्म के शिकायत अधिकारी से ऑनलाइन संपर्क करना चाहिए और उसे फर्जी प्रोफाइल का स्क्रीनशॉट यूआरएल लिंक भेजना चाहिए.


4. फर्जी प्रोफाइल के स्क्रीनशॉट और यूआरएल लिंक की मदद से नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज करानी चाहिए. इस पोर्टल पर कोई भी व्यक्ति बिना किसी शुल्क के अपनी शिकायत ऑनलाइन दर्ज करा सकता है और शिकायत की स्थिति भी देख सकता है.


5. अगर नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं होती है, तो शिकायतकर्ता को अपने नजदीकी साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में जाकर रिपोर्ट के साथ लिखित शिकायत दर्ज करानी चाहिए.


6. कुछ प्लेटफॉर्म पर प्रोफाइल को रिपोर्ट करने का विकल्प होता है. अगर ऐसा विकल्प उपलब्ध है, तो ज्यादा से ज्यादा लोगों से हाथ मिलाकर अपनी फर्जी प्रोफाइल को रिपोर्ट करवाएं. ऐसा करने से कई बार प्लेटफॉर्म द्वारा खुद ही फर्जी प्रोफाइल को हटा दिया जाता है.


फर्जी प्रोफाइल बनाने पर आईटी कानून के तहत सजा
1. अगर कोई फर्जी अकाउंट बनाता है तो आईटी एक्ट की धारा 66 घ के तहत केस दर्ज हो सकता है. आरटीआई एक्ट की धारा 66 ग में कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति किसी संचार उपकरण या कंप्यूटर संसाधन की मदद से फर्जी व्यक्ति बनाकर धोखाधड़ी करता है तो उसे तीन साल तक की कैद और 1 लाख तक के जुर्माने की सजा हो सकती है.


2. आईटी एक्ट की धारा 66 ग में कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति धोखाधड़ी या बेईमानी से किसी दूसरे व्यक्ति के इलेक्ट्रॉनिक सिग्नेचर, पासवर्ड या किसी अन्य विशिष्ट पहचान चिह्न का इस्तेमाल करता है तो उसे 3 साल तक की कैद और एक लाख तक का जुर्माना हो सकता है.


भारतीय न्याय सहिंता, 2023 के तहत कानून
1. अगर कोई व्यक्ति अपनी असली पहचान छिपाकर और फर्जी पहचान का इस्तेमाल करके धोखाधड़ी करता है तो यह भारतीय दंड संहिता 2023 की धारा 319 (1) और आईपीसी की धारा 416 के तहत दंडनीय अपराध है. इस धारा के तहत 3 साल तक की सजा का प्रावधान है. 


2. अगर कोई व्यक्ति धोखाधड़ी करने के इरादे से कोई दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड बनाता है यानी फर्जी दस्तावेज बनवाता है तो ऐसे व्यक्ति को भारतीय दंड संहिता 2023 की धारा 336 (3) और आईपीसी की धारा 468 के तहत 7 साल की सजा हो सकती है.