नई दिल्लीः बॉलीवुड अदाकारा और अपने बयानों की वजह से विवादों में रहने वाली कंगना रनौत ने संसद परिसर के अंदर अपनी फिल्म ’इमरजेंसी’ की शूटिंग के लिए लोकसभा सचिवालय से इजाजत मांगा है. सूत्रों ने इतवार को बताया कि कंगना रनौत का आवेदन अभी विचाराधीन है, लेकिन उन्हें इजाज़त मिलने की संभावना बेहद कम है. 
कंगना रनौत ने एक बयान में कहा था, “इमरजेंसी भारत के राजनीतिक इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण दौर में से था, जिसने सत्ता को देखने के हमारे नजरिए को बदल दिया था और इसलिए मैंने यह कहानी बताने का फैसला किया है.’’  

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शूटिंग या वीडियो बनाने की इजाजत नहीं दी जाती है
लोकसभा सचिवालय को लिखे पत्र में कंगना रनौत ने अपील की है कि कि उन्हें संसद परिसर के अंदर इमरजेंसी पर आधारित फिल्म की शूटिंग करने की परमिशन दी जाए. आम तौर पर, निजी संस्थाओं को संसद परिसर के अंदर शूटिंग या वीडियो बनाने की इजाजत नहीं दी जाती है. सूत्रों ने बताया कि किसी आधिकारिक या सरकारी काम के लिए शूटिंग की जा रही हो तो अलग बात है, लेकिन किसी निजी या व्यावसायिक कामों के लिए ऐसी अनुमति नहीं दी जाती है.
सूत्रों की माने तो मुख्य रूप से सरकारी प्रसारक, दूरदर्शन और संसद टीवी को संसद के अंदर कार्यक्रमों की शूटिंग करने की इजाज़त दी जाती है. किसी निजी व्यक्ति या संस्था को संसद के अंदर निजी काम की शूटिंग करने की इजाज़त दिए जाने की कोई मिसाल अभी तक नहीं है.

इंदिरा गांधी ने 1975 में मुल्क पर इमरजेंसी थोप दिया था
गौरतलब है कि ’इमरजेंसी’ की शूटिंग इस साल जून में शुरू हुई थी. फिल्म का निर्देशन कंगना रनौत खुद कर रही हैं. इसके अलावा वह खुद इस फिल्म की लेखक और निर्माता भी हैं. वह फिल्म में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका भी निभा रही हैं, जिन्होंने 1975 में मुल्क पर इमरजेंसी थोप दिया था. देश में 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक इमरजेंसी लागू था. 21 महीने की इस वक्फे के दौरान लोगों के मौलिक अधिकारों पर पाबंदियां लगा दी गई थी. इमरजेंसी के बाद हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को 1947 में आज़ादी के बाद पहली बार हार का सामना करना पड़ा था.


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