Lata Mangeshkar Passed Away:  लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) का नाम जबान पर आते ही उन्हें सलाम करने का मन करता है. क्योंकि लता जी की सुरों का जादू पूरी दुनिया में लोगों के सिर चढ़कर बोलता है. उनके जैसे लोग बहुत ही कम हैं. लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) का निधन हो गया है. 


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लता मंगेशकर की पैदाइश 28 सितंबर 1929 को मध्य प्रदेश के इंदौर में हुई थी. लता मंगेशकर के मुश्किलों से भरे करियर के बारे में तो आपने सुना ही होगा लेकिन आज हम इस खास मौके पर लता मंगेशकर के उस किस्से के बारे में बताने जा रहे हैं जब उन्हें जान से मारने की कोशिश की गई थी. जी हां, आप सही पढ़ रहे हैं. लता मंगेशकर जब 33 बरस की थी उन्हें जान से मारने की कोशिश की गई थी. इस बात का खुलासा खुद लता मंगेशकर एक इंटरव्यू के दौरान किया था. 


लता मंगेशकर की उम्र जब 33 बरस थी और उनका करियार उस वक्त उरूज पर था, इस दौरान उनके साथ एक ऐसी घटना घटी कि वो करीब 3 महीनों तक बिस्तर से नहीं उठ पाईं थी. दरअरसल लता जी के पेट में अचानक दर्द हुआ था और फिर उल्टियां भी होने लगी थी. उनकी बिगड़ती हालत को देख फौरन डॉक्टर को बुलाया गया. जिसके बाद डॉक्टर ने बताया कि उन्हें स्लो पॉयजन दिया जा रहा है. यानी हल्का जहर. 


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बताया गया है कि लता जी को उनके खाने में स्लो पॉयजन दिया जाता था. इस जहर ने लता जी के शरीर पर काफी दिनों तक असर किया और वह तीन महीनों तक बिस्तर पर ही पड़ी रही थीं. लता जी कहती हैं कि वो जानती हैं कि उन्हें जहर कौन दे रहा था लेकिन उनके पास कोई सबूत नहीं है. 


जानकारी के मुताबिक जिस वक्त लता जी की तबियत खराब हुई थी. उसी दिन उनका कुक भी अचानक फरार हो गया था. जिसके बाद अहतियात बरतते हुए लता जी की छोटी बहन ऊषा मंगेशकर ने रसाई की जिम्मेदारी अपने हाथों में लेली थी. 


बताया जाता है कि लता मंगेशकर 33 साल की उम्र में अपने करियर के उरूज पर थीं. वह एक से बढ़ कर एक गाने गा रही हीं थीं. इसलिए उनके किसी करीबी ने ही उन्हें धीमा जहर देना शुरू किया था. 


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