Suresh Wadkar Award: अपनी सुरीली आवाज से लाखों दिलों पर राज करने वाले प्लेबैक सिंगर सुरेश वाडकर को बड़ा सम्मान मिला है. अनुभवी पार्श्व गायक सुरेश वाडकर को 'गानसम्राज्ञी लता मंगेशकर पुरस्कार' से सम्मानित किया गया है. सिंगर को मुंबई में हुए एक प्रोग्राम के दौरान पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इस मौके पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने उन्हें विशेष स्मृति चिन्ह भेंट किये. अपनी गायकी की वजह से  उन्हें 2021 में पद्मश्री ऐजाज से नवाजा जा चुका है. हिन्दी के अलावा उन्होंने मराठी, भोजपुरी और उड़िया में भी गाने गाए हैं.


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मेरे लिए गर्व की बात: सुरेश
पुरस्कार हासिल करने के बाद सुरेश वाडकर ने कहा कि, इतना बड़ा अवार्ड हासिल करना यह मेरे लिए बहुत गर्व की बात है. मैं बेहद खुश हूं. मैं इस पुरस्कार को हासिल करने के लिए लंबे वक्त से इंतजार कर रहा था और अब मुझे यह पुरस्कार मिला है, आखिरकार ये ऐजाज मुझे मिल ही गया. सुरेश वाडकर को हिंदी और मराठी में पार्श्व गायन के लिए जाना जाता है. वह तकरीबन 45 वर्षों से अधिक समय से दर्शकों का मनोरंजन कर रहे हैं. उन्होंने भक्ति संगीत में भी अपनी एक अलग पहचान बनाई है. उनकी आवाज का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोलता है. सुरेश वाडकर ने हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री को कई सुपर हिट गाने दिए हैं, जो आज भी लोगों की जुबान पर हैं.


कई मशहूर गाने दिए
सुरेश वाडकर ने बताया कि, उन्होंने 4 साल की उम्र में गाना शुरू किया था और अब तक 30,000 से 40,000 गाने गा चुके हैं. 'सत्य' फिल्म का सॉन्ग 'सपने में मिलती है' को लोग आज भी नहीं भूले. फिल्म 'चांदनी' में उनके द्वारा गाया गया गाना 'लगी आज सावन की' उनके कुछ लोकप्रिय ट्रैक हैं. इसके अलावा 'ऐ जिंदगी गले लगा ले', 'मैं हूं प्रेम रोगी', 'तुमसे मिलके ऐसा लगा तुमसे मिलके, 'मैं देर करता नहीं, देर हो जाती है', 'मोहब्बत है क्या चीज', 'छोड़ आए हम वो गलियां और 'चप्पा चप्पा चरखा चले' समेत कई बड़े गानों के लिए वह काफी मशहूर हैं. उन्होनें अपने फिल्मी करियर में तकरीबन तमाम बड़े म्यूजिक डायरेक्टर्स के साथ काम काम किया है.