इसलिए दक्षिणपंथियों के निशाने पर आ गईं एक्ट्रेस साई पल्लवी, सुनिए उन्हीं की जबानी
साई पल्लवी ने हाल ही में भारत में धार्मिक हिंसा पर अपनी टिप्पणियों के लिए सुर्खियां बटोरी थीं. इसके बाद `कश्मीरी पंडित-मॉब लिंचिंग` पर दिए बयान पर साई पल्लवी ने चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने कहा है कि मैं अपने दिल की बात कहने से पहले दो बार सोचूंगी.
Sai Pallavi Trolled: अदाकारा साई पल्लवी (Sai Pallavi) इन दिनों ख़ूब चर्चा में हैं. इसकी वजह है भारत में मज़हबी तशद्दुद को लेकर उनका दिया गया बयान और फिर पूरे ममामले पर सफ़ाई. एक्ट्रेस साई पल्लवी (Sai Pallavi) ने 90 के दशक में कश्मीरी पंडितों के पलायन पर एक इंटरव्यू के दौरान अपने तब्सिरे को लेकर सफाई दी है, जिस पर सोशल मीडिया में तनाज़ा शुरू हो गया. यूट्यूब चैनल ग्रेट आंध्र को दिए गए एक इंटरव्यू के दौरान अदाकारा ने मज़हब के नाम पर मुल्क में हो रहे हिंसक घटनाओं की मज़म्मत की है, और कहा कि कश्मीरी पंडितों का पलायन जहां गलत था, वहीं गौरक्षा को लेकर ग़ैर मॉब लिंचिंग भी गलत है. इस बयान की वजह से कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने जहां उनके बयान की सराहना की वहीं उन्हें कुछ लोगों की नाराज़गी झेलनी भरी, इसमें गैर मुहज्ज़ब और गालियों से भरे कॉमेंट भी थे.
साई पल्लवी ने क्या कहा?
अदाकारा साई पल्लवी अपनी फिल्म विराट पर्वम (Virata Parvam) की रिलीज से पहले एक यूट्यूब चैनल से बात कर रही थीं. जब साई पल्लवी से वामपंथी आंदोलन के उनकी शख़्सी ज़िंदगी पर असरात के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, मैं एक न्यूट्रल फैमिली में पैदा हुई हूं. जहां मुझे एक अच्छा इंसान होने के बारे में सिखाया गया है. मुझे सिखाया गया है कि मुझे उन लोगों का तहफ्फुज़ करना चाहिए, जिन्हें नुकसान पहुंचाया गया है. मुतास्सिरीन को हर हाल में सिक्योरिटी मिलनी चाहिए. चाहे उसका स्टेचर, उसका कद कुछ भी हो. मैंने वामपंथ और दक्षिणपंथ के बारे में सुना है, लेकिन हम कभी यक़ीनी तौर से नहीं कह सकते कि कौन गलत है और कौन सही?
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सोशल मीडिया पल्लवी का अधूरा बयान वायरल
साई पल्लवी के मुताबिक उनके बयान किसी की हिमायत या मुख़ालिफ़त में नहीं था वो मुल्क में फैल रही नफरत और तशद्दुद पर रद्दे अमल ज़ाहिर कर रही थीं, लेकिन उनके जवाब का ये हिस्सा सोशल मीडिया यूजर्स ने अनदेखा कर दिया. बयान का सिर्फ़ एक हिस्सा वायरल किया गया, एक छोटी वीडियो क्लिप बनाई गई और इसे शेयर किया जाने लगा. इसमें बड़े फॉन्ट के साथ तस्वीरें थीं, उनकी इस वीडियो क्लिप पर मीम बनाए गए और इसे बड़े पैमाने पर सर्कुलेट किया गया. साई पल्लवी के सपोर्ट में और उनकी बात के विरोध में इतने सारे ट्वीट हुए कि #SaiPallavi ट्विटर पर टॉप ट्रेंड बन गया. हिंदुत्व राष्ट्रवादियों ने पल्लवी की इस बात के लिए तारीफ नहीं की, जब उन्होंने कश्मीरी पंडितों की हत्या को गलत ठहराया, बल्कि वो इस बात से नाराज हो गए कि इसी के बीच में उन्होंने मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचार के बारे में बात की और उसे ग़लत ठहराया.
'द कश्मीर फाइल्स' और काउ लिंचिंग की घटना देख सदमे में थी
अदाकारा साई पल्लवी ने कहा कि फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' और गौरक्षा के नाम पर क़त्ल की घटना का उन पर बहुत असर पड़ा और वे कई दिनों तक सदमे में रहीं. मैं नरसंहार और इससे लोगों की पीढ़ियों के जूझने जैसी त्रासदी को कभी कमतर नहीं मानूंगी. यह कहने के बावजूद मैं कभी भी कोविड काल की लिंचिंग की घटना के बारे में नहीं बता सकती. मुझे वह वीडियो देखने के बाद कई दिनों तक कांपना याद है. उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि हिंसा किसी भी रूप में गलत है और किसी भी मज़हब के नाम पर हिंसा करना बहुत बड़ा पाप है."
'जिसे दबाया जा रहा है, उसे बचाया जाना ठीक है'
Sai Pallavi ने एक इंटरव्यू में कहा, 'मुझसे इंटरव्यू में पूछा गया कि आप राइट विंग की तरफ हो या लेफ्ट की तरफ? मैंने खुलकर बता दिया कि मैं दोनों की तरफ नहीं हूं और अच्छी इंसान रहना चाहती हूं. आखिर हमारी पहचान अब नज़रियात की बुनियाद पर क्यों की जा रही है. जिसे दबाया जा रहा है उसे बचाया जाना ठीक है.
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अपने दिल की बात कहने से पहले दो बार सोचूंगी: साई पल्लवी
हालिया वाक्यात पर तब्सिरा करते हुए एक इंस्टाग्राम वीडियो में साई पल्लवी ने कहा कि उनका इरादा यह बताना था कि मज़हब के नाम पर तशद्दुद एक पाप है और इंटरव्यू के हिस्सों को संदर्भ से बाहर कर दिया गया. और मेरे बयान को ग़लत समझा गया. साईं पल्लवी अब मोहतात हो गई हैं उन्होंने कहा कि वह अपने दिल की बात कहने से पहले अब दो बार सोचेंगी. क्योंकि उन्हें चिंता है कि उनके शब्दों का गलत मतलब निकाला जा सकता है.
कौन हैं साइ पल्लवी?
साई पल्लवी (जन्म 9 मई 1992) एक फिल्म अदाकारा हैं, जिनकी मातृभाषा बदगा है और वो तेलुगु, तमिल और मलयालम फिल्मों में दिखाई देती हैं. पल्लवी को प्रेमम (2015) और फिदा (2017) फिल्मों में उनकी बेहतरीन एक्टिंग के लिए दो फिल्मफेयर अवार्ड्स समेत कई पुरस्कार हासिल कर चुकी हैं. साई पल्लवी की तेलुगू फिल्म 'विराट पर्वम' इस हफ्ते सिनेमाघरों में रिलीज हुई है. फिल्म में राणा दग्गुबती भी हैं. यह फिल्म 1990 के दशक की सच्ची घटनाओं से मुतास्सिर है. इसमें तेलंगाना रीजन में नक्सलवादी आंदोलन के पस मंज़र में एक प्रेम कहानी है.
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