Shabana Azami on Pathaan: फिल्म पठान को लेकर हो रहे विरोध के बीच कई दिग्गज फिल्म हस्तियों के बयान सामने आए हैं. इस कड़ी में अब सीनियर एक्ट्रेस और राइटर जावेद अख्तर की पत्नी शबाना आजमी का नाम भी जुड़ गया है. उन्होंने एक प्रोग्राम के दौरान पठान विवादत बोलते हुए सैंसर बोर्ड पर उंगली उठा दी है. उन्होंने कहा कि सेंसर बोर्ड जो करता है वो काम उसका नहीं बल्कि फिल्म मेकर का होना चाहिए. 


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रविवार की शाम एक प्रोग्राम में शाहरुख खान की फिल्म 'पठान' को लेकर चल रहे विवाद से जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा,"सेंसर बोर्ड जो करता है वह उसका काम नहीं होना चाहिए, इस काम के लिए खुद फिल्म मेकर्स या कलाकारों को फैसला लेना चाहिए, यही सही है, कलाकारों और फिल्म मेकर्स को अच्छे से पता होता है कि कहां किस जगह फिल्म में कट लगाना है." इस दौरान शबाना आजमी ने अमेरिका की मिसाल पेश करते हुए कहा- अमेरिका में ऐसा ही होता है और हम सबको भी यही अपनाना चाहिए."


एक्ट्रेस आगे कहती हैं कि हमारे देश में जो नियम चल रहा है वो ब्रिटेन के सेंसरशिप के तरीके से चल रहा है. जिसमें सरकार की तरफ जीवन के अलग-अलग क्षेत्रों या शिक्षाविद्, समाजशास्त्री वगैरह जैसे व्यवसायों से लगभग 30 लोगों को चुना जाता है और उन्हें हर पांच साल में देश की नैतिकता को बदलने के लिए फैसला करने पर बैठाया जाता है, उस वक्त के सियासी हालात के हिसाब से. खैर यह कोई ऐसी बात नहीं है कि लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं है कि जिन लोगों को वहां बैठया जाता है, उनका रिश्ता सत्ता में बैठे लोगों से ही होता है."


अपनी बात जारी रखते हुए शबाना ने कहा, "मैं कई सालों से चिल्ला रही हूं कि सिनेमैटोग्राफ एक्ट 1952 में बदलाव की जरूरत है. जब कोई फिल्म को दिखाने का सर्टिफिकेट मिल जाता है तो फिर कानून व्यवस्था की दिक्कत नहीं होनी चाहिए. बोलने की आजादी का मतलब है कि आप मुश्किल शब्दों का इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन अगर यह आपसी दंगो को हिट करता है, तो इसे संभालने और कंट्रोल करने की जिम्मेदारी सरकार की है."


बता दें कि एक्ट्रेस शबाना आजमी को 'पद्म भूषण और पद्मश्री' से नवाज़ा जा चुका है. इसके अलावा वो 5 बार नेशनल फिल्म अवॉर्ड भी जीत चुकी हैं. 


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