Eye Flu: आई फ्लू में बिना डॉक्टरी सलाह के ड्रॉप का इस्तेमाल पड़ सकता है भारी; पढ़ लें ये चेतावनी !
Conjunctivitis In Eye: आई फ्लू को लेकर डॉक्टरों ने चेताया है कि आई फ्लू में बिना डॉक्टरी सलाह के एंटीबायोटिक ड्रॉप का इस्तेमाल करना भारी पड़ सकता है, इसलिए जब तक किसी नेत्र रोग विशेषज्ञ द्वारा इसकी सलाह न दी जाए, तब तक इसके इस्तेमाल से परहेज करना चाहिए.
Eye Flu: बरसात के मौसम में कई तरह की बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ जाता है. आई फ्लू या आई इन्फेक्शन भी बरसात के मौसम में बहुत तेजी से अपने पैर पसार रहा है. कंजंक्टिवाइटिस, जिसे मेडिकल की भाषा में आई फ्लू कहा जाता है. कंजंक्टिवाइटिस आंखों का एक संक्रमण है, जो एक शख्स से दूसरे शख्स में तेजी से फैलता है. दिल्ली में बीते कुछ दिनों से आई फ्लू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. दिल्ली में कंजंक्टिवाइटिस और आई फ्लू के मामलों में वृद्धि के बीच चिकित्सकों ने 'स्टेरॉयड आई ड्रॉप' के अधिक उपयोग के खिलाफ लोगों को चेताया है.
आई ड्रॉप के उपयोग में सावधानी बरतें: डॉक्टर
डॉक्टरों का कहना है कि इससे अस्थायी राहत मिल सकती है लेकिन लंबे समय में यह अधिक नुकसान पहुंचा सकता है. दीनदयाल उपाध्याय (डीडीयू) अस्पताल के एक सीनियर आई सर्जन डॉ. जे.एस. भल्ला ने कहा कि बीमारी का जल्द पता लगाना और उचित उपचार बीमारी के समाधान की कुंजी है और यह अनुपचारित कंजंक्टिवाइटिस के संभावित हानिकारक प्रभावों या संचरण को कम करने में मददगार साबित हो सकता है. उन्होंने कहा कि आई फ्लू एक निश्चित समय में खुद ठीक होने वाली बीमारी है और सभी मामलों में एंटीबायोटिक उपचार की आवश्यकता नहीं होती है. डॉ. भल्ला ने बताया कि आई इंफेक्शन के प्रसार को रोकने के लिए हाथ और चेहरे की सफाई बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि उपचार दिशानिर्देश स्टेरॉयड आई ड्रॉप के उपयोग में सावधानी बरतने का सुझाव देते हैं.
डॉक्टरी सलाह के बिना ड्रॉप का इस्तेमाल न करें
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के आर.पी. सेंटर के चीफ डॉ. जे.एस. टिटियाल ने कहा कि यह स्थिति आमतौर पर वायरस के कारण होती है, जो अत्यधिक संक्रामक होते हैं और तेजी से फैलते हैं. उन्होंने कहा कि आर.पी. सेंटर ने टेस्ट किए गए सभी मामलों में 'एडेनो वायरस' को प्रेरक के रूप में पाया है. टिटियाल ने कहा कि आई फ्लू एक से दो हफ्ते में ठीक हो सकता है. हालांकि, दोबारा इंफेक्शन होने की आशंका कम ही होती है. भल्ला ने कहा कि तकरीबन 50 फीसद मामलों में ऐसा देखा जा सकता है कि नेत्र संक्रमण की सही वजह जाने बिना एंटीबायोटिक का इस्तेमाल किया जाता है. उन्होंने चेताया कि आई फ्लू में बिना डॉक्टरी सलाह के ड्रॉप का इस्तेमाल करना भारी पड़ सकता है. इसलिए जब तक किसी नेत्र रोग विशेषज्ञ द्वारा इसकी सलाह न दी जाए तब तक इस्तेमाल से परहेज करना चाहिए.
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