हम जो खाना खाते हैं, उसके बारे में कई गलतफहमियां हैं. ऐसी बातें हम अक्सर अपने पूर्वजों और बुजुर्गों से सुनते हैं. कहा जाता है कि मछली खाने के बाद दूध पीने से त्वचा संबंधी रोग हो जाते हैं. खासतौर पर विटिलिगो को लेकर काफी प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. अब आइए जानें कि इसमें कितनी सच्चाई है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि मछली के बाद दूध का सेवन किसी भी तरह से स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं है और इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण भी नहीं है. लेकिन मछली और दूध में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है. इससे सूजन और पाचन संबंधी अन्य समस्याएं हो सकती हैं. त्वचा पर सफेद दाग को विटिलिगो कहा जाता है. विटिलिगो तब होता है जब त्वचा में रंग पैदा करने वाले रंजकता का स्तर कम हो जाता है. वे इस बात से इनकार कर रहे हैं कि यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है और इसका मछली और दूध एक साथ खाने से कोई लेना-देना नहीं है. त्वचा विशेषज्ञों का कहना है कि विटिलिगो प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा मेलेनिन से लड़ने वाले एंटीबॉडी का उत्पादन करने के कारण होता है. इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि मछली और दूध खाने से सफेद दाग होते हैं.


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विशेषज्ञ का क्या कहना है?


किसी भी चीज को ज्यादा खाने से आपका पाचन तंत्र प्रभावित हो सकता है. सड़क किनारे पाए जाने वाले कुछ प्रकार के खाद्य पदार्थों से एलर्जी हो सकती है. दूसरों को कुछ खाद्य पदार्थ पसंद नहीं आ सकते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि एलर्जी का दोष हर किसी को नहीं देना चाहिए. उदाहरण के लिए, पकी हुई मछली जैसे व्यंजन मछली और दूध को मिलाकर तैयार किए जाते हैं. यदि आप स्वस्थ तरीके से भोजन करेंगे तो जीवन को कोई खतरा नहीं है. आहार विशेषज्ञ का कहना है कि दूध या मछली का त्वचा के दाग-धब्बों से कोई लेना-देना नहीं है.


(नोट: ये स्टोरी सामान्य जानकारी पर आधारित है. किसी भी नुस्खे के सटीक परिणाम के लिए इसके उपयोग के पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें. )