Heart Attack Cases in India: ग़ुज़िश्ता कुछ वक्त से हार्ट अटैक से मरने वालों की तादाद में मुसलसल इज़ाफ़ा होता जा रहा है. हार्ट अटैक से होने वाली मौतों की तादाद के आदादो शुमार ख़ौफ़जदा करने वाले हैं. इन दिनों हार्ट अटैक से मरने वालों के दिल दहला देने वाले वीडियोज़ सामने आए. आपने भी देखा होगा जिनमें कहीं स्टेज पर परफॉरमेंस के दौरान आर्टिस्ट को हार्ट अटैक आ गया तो कहीं किसी शख्स की डांस करते वक्त जान चली गई.


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इन लोगों को तो ये भी अंदाज़ा नहीं होगा कि वो मौत के कितने क़रीब पहुंच चुके हैं. इस हवाले से एक्सीडेंटल डेथ एंड सुसाइड इन इंडिया (ACCIDENTAL DEATHS AND SUCUDES IN INDIA) यानी ADSI के आंकड़ों पर नज़र डालें तो पिछली एक दहाई में सिर्फ़ भारत में ही हार्ट अटैक से 2.40 लाख से ज्‍यादा लोगों की मौत हो चुकी है. यानी भारत में हार्ट अटैक से हर साल औसतन 28 हजार लोगों की मौत हो रही है.


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आदादो शुमार के मुताबिक, साल 2014 से 2017 के बीच भारत में 82,289 लोगों की मौत हार्ट अटैक से हुई है. यानी हर साल औसतन 20 हजार मौतें हार्ट अटैक से हुईं. 2018 से 2021 के बीच हार्ट अटैक से 1,10,898  लोगों की मौत हुई है और 2019, 2020 और 2021 में तो हार्ट अटैक से 28 हजार से ज्‍यादा मौतें हुई हैं. 2021 के आंकड़ों के मुताबिक शुमार पर नज़र डालें तो हार्ट अटैक से सबसे ज्‍यादा मौतें 45 से 59 साल की उम्र में हुई हैं. इस उम्र तबक़े के 11,190 लोगों की मौतें हार्ट अटैक से हुई हैं. 


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हार्ट अटैक से जुड़े ये आंकड़ों शुमार भी हैरत में डालते हैं कि ज्‍यादातर मर्द ही हार्ट अटैक के शिकार होते हैं. 2021 में हार्ट अटैक से 24,510 मर्दों की मौत हुई हैं, जबकि 3,936 ख़्वातीन की मौत हुई हैं. ये कि हार्ट अटैक एक साईलेंट किलर बनता जा रहा है. क्योंकि दिल अब कमज़ोर होता जा रहा है और इसकी सबसे बड़ी वजह है ख़राब खान-पान, डिप्रेशन और स्मोकिंग वग़ैरह. हालात इस क़दर ख़राब हो चुके हैं कि कच्चे होते दिलों के साथ अब नौजवान और सेहतमंद लोग भी हारट अटैक से जान गंवाने लगे हैं.