नई दिल्ली: बाजारबाद और उपभोक्ता संस्कृति ने इंसान को कुदरत से मिलने वाले मुफ्त की चीज़ों को भी बाज़ार में खरीदे और बेचे जाने वाली चीज़ बना दिया है. मुफ्त में मिलने वाल पानी और सूर्य से मिलने वाल विटामिन डी इसका सबसे बड़ा उदहारण है. बड़ी कंपनियों ने अब पानी और विटामी डी के बाद मुफ्त की चीज़ आपकी नींद को बेचने का काम कर रही है. बाज़ार में नींद लाने से जुड़े प्रोडक्ट की भरमार है. हर प्रोडक्ट निर्माता अपने प्रोडक्ट के इस्तेमाल से गहरी नींद लाने का दावा कर रहा है.  


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आजकल बाज़ार में नींद से जुड़े प्रोडक्ट्स की मांग बड़ी तेज़ी से बढ़ रही है. आरामदायक गद्दे, तकिए, स्लीप मास्क, कान के प्लग, noise cancellation करने वाले हेडफ़ोन, और नींद को बढ़ावा देने वाले तेल इसमें प्रमुखता से शामिल हैं. खासकर लैवेंडर तेल को तो नींद लाने के लिए रामबाण तेल बना दिया गया है. इसके विज्ञापन में दुकान में जाते ही अच्छी नींद आते दिखाया जा रहा है. फलाना कंपनी के गद्दे पर सोने में आप दिन भर एनेर्जेटिक महसूस करेंगे. Crystal bracelet पहनेंगे तो  नींद लाने में मदद मिलेगी. 

पिछले कुछ सालो से अनिद्रा से परेशान लोगो की संख्या भी तेज़ी से बढ़ रही है, जिस अवसर को कंपनिया भुनाने में लगी है. नींद से जुड़े प्रोडक्ट्स भी इतने आसानी से ऑनलाइन उपलब्ध हैं कि लोग इसे आसानी से खरीद लेते हैं. 


इस मामले में डॉक्टर अरविन्द कुमार मिश्रा कहते हैं, भारत में लोगों की जीवनशैली में तेज़ी से बदलाव हो रहा है. लोगों का फिजिकल वर्क कम हो गया है. कम उम्र से लेकर बुजुर्ग तक तनाव ले रहे हैं. देर रात तक फ़ास्ट फ़ूड, चाय- कॉफ़ी और कोल्ड ड्रिंक का सेवन कर रहे हैं. देर रात तक लोगों में जागने की बीमारी हो रही है. वो कंप्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल के स्क्रीन के संपर्क में रहते हैं, जो नींद को प्रभावित करते हैं. इसलिए अच्छी नींद लेने के लिए आपको किसी प्रोडक्ट की नहीं बल्कि अपनी जीवन शैली बदलने की ज़रूरत है. 


डॉक्टर अरविन्द कुमार मिश्रा कहते हैं, "रोजाना संतुलित खान-पान, काम, आराम, आउटडोर मनोरंजन, ध्यान और योग से आप आसानी से अनिद्रा जैसे समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं. इसके लिए किसी दावा की ज़रुरत नहीं है, अगर इन बदलाव से भी नींद की समस्या ठीक न हो तो अपनी तरफ से किसी प्रोडक्ट का इस्तेमाल करने के बजाए किसी योग्य डॉक्टर से संपर्क करें, नींद न आने के और भी कारण हो सकते हैं, जिसकी पहचान करने के बाद इसका उचित इलाज और समाधान किया जा सकता है.