कण्ठमाला एक वायरल बीमारी है जो पैरोटिड लार ग्रंथियों को प्रभावित करती है. हालांकि इसकी शुरुआत सिरदर्द, थकान और बुखार जैसे हल्के लक्षणों से होती है, लेकिन अंततः तक यह गालों और जबड़े में सूजन का कारण बन सकता है. कण्ठमाला आम तौर पर बच्चों को प्रभावित करती है, लेकिन अडल्ट भी इसके संक्रमण के प्रति संवेदनशील होते हैं. आइये डॉ किरण आर ढाके से इसकी वजह और लक्षण के बारे में जानते है. 


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कण्ठमाला के कारण


कण्ठमाला रोग कण्ठमाला वायरस के कारण होता है जो वायरस के एक समूह से संबंधित है, जिसे पैरामाइक्सोवायरस ( paramyxoviruses) के रूप में जाना जाता है. यह वायरस बच्चों में संक्रमण का एक आम स्रोत है. “मम्प्स (Mumps) वायरस रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट (नाक, मुंह और गले) से चेहरे के दोनों ओर स्थित लार पैदा करने वाली ग्रंथियों (पैरोटिड ग्रंथियों) में चला जाता है. 


कण्ठमाला के लक्षण


कण्ठमाला के लक्षण आमतौर पर किसी व्यक्ति के वायरस से संक्रमित होने के 12 से 24 दिनों के बाद विकसित होते हैं. कण्ठमाला का सबसे आम लक्षण गालों की सूजन है. ऐसा लार पैदा करने वाली ग्रंथियों, पैरोटिड ग्रंथियों में सूजन के कारण होता है, जो चेहरे के दोनों ओर, कान के ठीक नीचे स्थित होती हैं. सूजन के कारण दर्द, कोमलता और निगलने में कठिनाई होती है.


गाल की ग्रंथि में सूजन से पहले कण्ठमाला के जनरल लक्षण


  • बुखार

  • सिरदर्द

  • थकान

  • मांसपेशियों में दर्द/जोड़ों में दर्द

  • ड्राई मुँह

  • बीमार महसूस करना

  • भूख न लगना


नोट: अगर आपको किसी भी प्रकार के लक्षण दिख रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. यह डिटेल हेल्थ एक्सपर्ट से लि गई है.