गुरुवार को वर्ल्ड एड्स डे के मौके पर WHO यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर एड्स महामारी को खत्म करने को लेकर बयान दिया गया.  जिसमें बताया गया कि साल 2030 तक WHO सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरे के रूप में एड्स महामारी को खत्म करने की मुहिम में जुट गया है. लिहाज़ा एचआईवी रोकथाम, टेस्टिंग, इलाज और देखभाल के लिए WHO भी भागीदारों में शामिल हो गया है.  इस मौके पर डब्ल्यूएचओ ने अपने बयान में कहा कि,  दुनिया भर में करीब 38.4 मिलियन लोग HIV के साथ जी रहे हैं. जबकि दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में तक़रीबन 3.8 मिलियन लोग एचआईवी के साथ जी रहे हैं. जोकि वर्ल्ड लेवल पर क़रीब 10 फ़ीसद है. 


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2021 में HIV से साढ़े 6 लाख  लोगों की मौत
रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2021 की बात की जाये, तो दुनिया भर में तक़रीबन 1.5 मिलियन लोगों को एचआईवी हुआ. और क़रीब साढ़े 6 लाख  लोगों की एड्स से संबंधित कारणों से मौत हुई है. जबकि दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में साल 2021 में अनुमानित 82 हज़ार लोगों की मौत एड्स से संबंधित कारणों से हुई है. जो कि वर्ल्ड लेवल पर 12 प्रतिशत से ज्यादा है.


केवल 22 प्रतिशत युवाओं को HIV की रोकथाम की जानकारी
WHO के क्षेत्रीय निदेशक डॉ पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा कि, साल 2020 के आखिर तक एचआईवी के साथ जी रहे लोगों को अपनी स्थिति के बारे में जानकारी थी. जबकि 61 प्रतिशत लोग एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी पर थे. इसके अलावा उन्होने जानकारी दी, कि पूरे क्षेत्र में करीब 95 प्रतिशत नए HIV संक्रमित जैसे सेक्स वर्कर, ड्रग्स का इंजेक्शन लगाने वाले लोग, पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुष और ट्रांसजेंडर लोगों में से हैं. केवल 22 फीसदी नौजवानों को HIV की रोकथाम के बारे में जानकारी है. 


डॉ पूनम खेत्रपाल सिंह ने बताया कि नशीली दवाओं का इंजेक्शन लगाने वाले लोगों की टेस्टिंग के कवरेज में सुधार की गुंजाइश है. जबकि HIV सेल्फ-टेस्टिंग और प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस जैसे गेम-चेंजिंग इनोवेशन कई देशों तक नहीं पहुंच पायी है. लिहाज़ा  WHO ने राजनीतिक नेताओं से कानूनों, नीतियों और प्रथाओं में फौरन सुधार करने की अपील की है. 


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