समय की कमी के वजह से बहुत से लोग अनहेल्दी भोजन खाते हैं और अपने स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं, जो लिवर की लिए काफी नुकसानदे है. विशेषज्ञों का कहना है कि फैटी लीवर धीरे-धीरे घातक हो जाता है. यह समस्या हृदय रोग और मधुमेह वाले लोगों में अधिक आम है. लिवर की समस्याओं में मुख्य रूप से गैर-अल्कोहल फैटी लिवर रोग शामिल है. फैटी लीवर की समस्या को अल्कोहलिक और नॉन अल्कोहलिक के रूप में जाना जाता है. अल्कोहलिक फैटी लिवर की समस्या शराब पीने से होती है.. शराब न पीने वाले लोगों में देखी जाने वाली लिवर की समस्या को नॉन-अल्कोहलिक कहा जाता है. तो आइए अब जानते हैं कि फैटी लिवर की समस्या वाले लोगों को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए...


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नॉन-अल्कोहलिक फैटी लीवर क्या है?
जो लोग शराब नहीं पीते उनमें फैटी लीवर को फैटी लीवर रोग (जीवनशैली रोग) कहा जाता है. इस बीमारी में व्यक्ति के खान-पान के वजह से लिवर में अतिरिक्त चर्बी या चर्बी जमा हो जाती है. इससे लीवर खराब हो सकता है.


कोलीन-लिवर संबंध
कोलीन शरीर में बहुत जरूरी भूमिका निभाता है. यह आमतौर पर कई फूड्स में पाया जाता है. यह लिवर में फैट को पचाने का काम करता है. इसके अलावा यह फैटी लिवर की समस्या में भी काफी मदद करता है. इसलिए फैटी लीवर की समस्या से छुटकारा पाने के लिए बेहतर है कि आप अपने दैनिक आहार में कोलीन से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करें.


इन खाद्य पदार्थों में कोलीन पाया जाता है.


अंडे
अंडे कोलीन के अच्छे स्रोत हैं. ऐसे में आप भी अपनी डाइट में अंडे को जरूर शामिल करके फैटी लिवर की समस्या से बच सकते हैं.


सोयाबीन
आधा कप भुने हुए सोयाबीन में 107 मिलीग्राम कोलीन होता है. यह आपके लीवर को स्वस्थ रखता है. तो आपको सोयाबीन को भी अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए.


नोट: यह आर्टिकल केवल जानकारी के लिए है. अगर आप कोई भी चीज अपनी लाइफस्टाइल में शामिल करने जा रहे हैं तो इसके लिए विशेषज्ञों की सलाह जरूरी है