World Kidney Day: शरीर में जब दिखाई दे ये लक्षण तो न करें देर; हो सकती है किडनी की बीमारी
World Kidney Day: किडनी की बीमारी में अधिकतर मरीज मर्ज बढ़ने के बाद डॉक्टर के पास पहुंचते हैं, जिससे उनका उपचार करना कठिन और महंगा हो जाता है. इस बीमारी की शुरुआती लक्षणों की पहचान कर अगर इलाज कराया जाए तो मरीज पूरी तरह ठीक हो सकता है.
World Kidney Day: हर उम्र के लोग आजकल किडनी रोग के शिकार हो रहे हैं. ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक स्तर मृत्यु दर में होने वाले इजाफे में किडनी की बीमारी एक प्रमुख कारण है. भारत में, 2001-03 और 2010-13 के बीच गुर्दे की विफलता के कारण होने वाली मौतों के अनुपात में 38 फीसदी की वृद्धि हुई थी. वर्तमान समय मं इसमें और वृद्धि देखी गई है. एक्सपर्ट के मुताबिक, शुरुआती दौर में इस बीमारी के लक्षणों को न पकड़ पाने की वजह से बीमारी बढ़ जाती है. अगर समय रहते इसकी पहचान कर उपचार किया जाए, तो इससे होने वाली मौतों को कम किया जा सकता है. गंभीर किडनी रोगों को अगर छोड़ दें तो किडनी से जुड़ी बहुत सी बीमारियां दवा से ठीक हो जाती है.
डॉक्टर के पास देर से पहुंचते हैं मरीज
लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर विश्वजीत सिंह के मुताबिक, करीब 30 प्रतिशत किडनी रोगी बीमारी होने के बाद काफी देर से आते हैं, जिस वजह से हमें डायलिसिस पर निर्भर रहना पड़ता है या किडनी प्रत्यारोपण का विकल्प चुनना पड़ता है. नेफ्रोलॉजी की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. माधवी गौतम ने कहा, अक्सर हाई बीपी और डायबिटीज के मरीजों को किडनी की समस्या होती है, क्योंकि हाई बीपी रक्त वाहिकाओं को संकुचित कर सकता है, जो अंत में उन्हें नुकसान पहुंचाता है.
गुर्दे की बीमारी के लक्षण
किडनी की बीमारी के शुरुआती लक्षणों को पहचान कर अगर डॉक्टर के पास जाया जाए तो इसका उपचार करने में काफी आसानी होती है. इस मामले में शहीद खुदी राम बोस अस्पताल के कंसलटैंट डॉ. हुसैन रागिब का कहना है कि किडनी रोग के शुरुआती लक्षणों को पहचानना काफी आसान है. इसमें आदमी काफी थका हुआ महसूस करता है. मरीज का हिमोग्लाबिन लेवल बार-बार कम हो जाता है. मरीज को नींद में परेशानी होती है. अगर रात में बार-बार पेशाब करने की आवश्यकता महसूस होती है, तो भी किडनी, प्रोस्टेट या मूत्र संस्था के अन्य रोगों का लक्षण हो सकता है. पेशाब में खून आना, झागदार पेशाब होना, भूख कम लगना, मांसपेशियों में ऐंठन होना और पांव या आंख के नीचे सूजन होने इसके आम लक्षण हो सकते हैं. कई बार शुष्क त्वचा और चर्म रोग भी इस बीमारी की तरफ संकेत करते हैं.
बेहद आसान और सस्ती है इसकी जांच
डॉक्टरों का कहना है कि सरल परीक्षणों से किडनी की बीमारी का पता लगाया जा सकता है. कई सरकारी अस्पतालों में ये परीक्षण मुफ्त हैं और चिकित्सा संस्थानों में न्यूनतम शुल्क पर उपलब्ध हैं. इसलिए ऐसी कोई परेशानी दिखने पर बीमारी को टालने के बजाए तुरंत किसी चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए.
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