Hassan Nasrallah: इसराइल के हमले में हिज्बुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह के साथ ईरान की रिवॉल्यूशनरी गार्ड के एक सीनियर कमांडर भी मारे गए. ईरान ने शनिवार को ऐलान किया कि उसके अर्धसैनिक बल रिवॉल्यूशनरी गार्ड के एक प्रमुख जनरल की भी बेरूत में हुए हवाई हमले में मौत हो गई.  ईरानी मीडिया ने शनिवार को यह जानकारी दी.


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ईरान को हुआ भारी नुकसान
अमेरिका द्वारा प्रतिबंधित ईरान की रिवॉल्यूशनरी गार्ड के सीनियर कमांडर जनरल अब्बास निलफोरुशान की इसराइली हमले में मौत हुई है. ये ईरान के लिए बहुत बड़ी क्षति बताई जा रही है. वहीं, गाजा पट्टी में करीब एक साल से चल रहा इसराइल-हमास जंग क्षेत्रीय संघर्ष बनने की कगार पर है.


ईरान ने निलफोरुशान को बताया लेबनान का मेहमान
ईरान के सरकारी तेहरान टाइम्स की खबर के मुताबिक, 58 साल के अब्बास निलफोरुशान की शुक्रवार को लेबनान के बेरूत में हुए इसराइली हमले में मौत ह गई है. वहीं, सरकारी समाचार एजेंसी इरना के मुताबिक, ईरान की ज्यूडिशियरी के डिप्टी चेरमैन अहमद रजा पोर खगान ने भी निलफोरुशान की मौत की पुष्टि करते हुए कहा, "लेबनान के लोगों का  मेहमान की मौत हो गई. खगान ने कथित तौर पर यह भी कहा कि ईरान को इंरनेशनल कानून के तहत जवाबी कार्रवाई करने का हक है. 


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अमेरिका ने 2022 में किया था बैन
बता दें, अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने निलफोरुशान की पहचान रिवॉल्यूशनरी गार्ड में ऑपरेशन के लिए डिप्टी कमांडर के रूप करते हुए उन पर साल 2022 में  बैन लगा दिया था और कहा था कि उन्होंने एक ऐसे ऑर्गेनाइजेशन का नेतृत्व किया, जो  "सीधे विरोधियों के दमन के लिए जिम्मेदार था, जिसने पिछले विरोध प्रदर्शनों के दौरान विरोधी नेताओं को गिरफ्तार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी."


निलफोरुशान ने सीरियाई प्रेसिडेंट बशर असद का सपोर्ट करते हुए दशकों तक चले जंग में भी अहम भूमिका निभाई थी. इतना गही नहीं  उन्होंने अपने कई सहयोगियों की तरह साल 1980 के दशक के ईरान-इराक जंग में भी हिस्सा लिया था.