Iran Cyberattacks: मध्य पूर्व में विवाद के बीच ईरान पर साइबर हमले की खबरें हैं. खबर है कि ईरान में 3 सरकारी इदारों पर साइबर हमला हुा. इसके अलावा इरान के न्यूक्लियर सुविधापर हमला किया गया. यह हमला ऐसे वक्त में हुआ है जब इजरायल और ईरान के दरमियान रिश्ते खराब चल रहे हैं. ईरान ने इजरायल पर 1 अक्टूबर को 200 मिसाइलें दागी थीं. इल्जाम है कि इजरायल इरान से बदला ले रहा है. हालांकि इस बात की अभी अधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है. 


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चुराई गई जानकारी
आपको बता दें कि इजरायल और गाजा के दरमियान संघर्ष जारी है. यह संघर्ष लेबनान तक पहुंच गया है. इस मामले में अब ईरान भी कूद पड़ा है. ईरान के साइबरस्पेस की सर्वोच्च परिषद के पूर्व सचिव फिरोजाबादी ने ईरान इंटरनेशनल के हवाले से कहा "ईरान की सरकार की लगभग सभी तीन शाखाएं- न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका- भारी साइबर हमलों की चपेट में आ गई हैं, और उनकी जानकारी चुरा ली गई है. उन्होंने आगे कहा कि "हमारे परमाणु प्रतिष्ठानों को भी साइबर हमलों का निशाना बनाया गया है, साथ ही ईंधन वितरण, नगरपालिका नेटवर्क, परिवहन नेटवर्क, बंदरगाह और इसी तरह के दूसरे इलाकों जैसे नेटवर्क को भी निशाना बनाया गया है. ये देश भर के दीगर इलाकों की एक लंबी सूची का हिस्सा हैं, जिन पर हमला किया गया है."


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अमेरिका ने लगाई पाबंदी
ये साइबर हमले ऐसे वक्त हुए हैं, जब शुक्रवार को अमेरिका ने इजरायल पर ईरान के मिसाइल हमले के जवाब में ईरान के पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल इलाके के खिलाफ प्रतिबंधों को बढ़ा दिया है. अमेरिका के इस कदम से पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल्स को एक कार्यकारी आदेश में जोड़ा गया है, जो ईरान की अर्थव्यवस्था के प्रमुख इलाकों को लक्षित करता है, जिसका मकसद ईरान के परमाणु और मिसाइल प्रोग्रामों का सपोर्ट करने के लिए सरकारी धन को रोकना है.


ईरान ने किया हमला
इससे पहले ईरान ने कहा था कि अगर उसका कट्टर दुश्मन इजरायल हमला करता है, तो वह अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है. इस्लामिक रिपब्लिक ने अपने दो सबसे करीबी सहयोगियों हमास नेता इस्माइल हनीयाह और हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह के साथ-साथ एक ईरानी जनरल के कत्ल के जवाब में 1 अक्टूबर को इजरायल पर मिसाइलें दागीं.