Ismail Haniyeh: हमास चीफ इस्माइल हानिया की हत्या के मामले को लेकर हर रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं. अब ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स ने दावा किया है कि इस्माइल हानिया की हत्या तेहरान में उनके अस्थायी आवास के बाहर 'शॉर्ट रेंज प्रोजेक्टाइल’ से निशाना बनाकर की गई थी, जिसपर सात किलोग्राम विस्फोटक रखा हुआ था.


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बता दें, इस्माइल हानिया की 31 जुलाई को तेहरान में हत्या कर दी गई थी.  वह ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन के शपथ ग्रहण प्रोग्राम में हिस्सा लेने के लिए आए थे. हानिया की मौत को लेकर इससे पहले भी कई दावे किए गए.  पिछले दिनों यह दावा किया गया था कि हानिया की हत्या एक विस्फोटक उपकरण के जरिए की गई थी. जिसे हानिया जिस गेस्ट हाउस में रूके थे, वहां छिपा कर रखा गया था. लेकिन यह दावा अब पूरी तरह से गलत साबित होता हुआ दिख रहा है.


रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने USA पर लगाया ये आरोप
वहीं, ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने एक बयान में कहा कि इस घटना के पीछे इसराइल का हाथ है. साथ ही इस घटना में संयुक्त राज्य अमेरिका पर इसराइल का समर्थन करने का भी आरोप लगाया है.


ईरान ने इसराइल से बदला लेने की खाई कसम
62 साल के इस्माइल हानिया हमास के राजनीतिक ब्यूरो चीफ थे. उन्होंने साल 2007 से गाजा पट्टी पर शासन किया था. हानिया की हत्या से पहले इसराइल ने बेरूत में फुआद शुकर की हत्या कर दी थी. इन दोनों हमास नेताओं की हत्या के बाद मध्य पूर्व के इलाके में तनाव और बढ़ गया है.


इन घटनाओं को लेकर ईरान इसराइल से बदला लेना का लगातार धमकी दे रहा है. शनिवार को दिए एक बयान में रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने दोहराया कि हानिया की हत्या का बदला लिया जाएगा. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि इसराइल को "सही वक्त, जगह और तरीके से कड़ी सजा" मिलेगी.


ईरान ने कई अफसरों को हिरासत में लिया
वहीं, इस्माइल हानिया की हत्या के मामले में ईरान ने बड़ा एक्शन लिया है. उन्होंने कई आला खुफिया और सैन्य अफसरों समेत दर्जनों अफसरों को कस्टडी में ले लिया है. ईरानी जांचकर्ताओं ने दावा किया है कि इसराइली एजेंसी मोसाद की तरफ से किराए पर ली गई टीम देश के भीतर ही है और उन्हें गिरफ्तार करना चाहती है.


रायसी के अंतिम संस्कार में हानिया की हत्या की गई थी साजिश
इस बीच, ईरानी अफसों ने दावा किया कि हानिया की हत्या करने की साजिश इस साल मई में ईरान के मौजूदा राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी के अंतिम संस्कार के दौरान रची गई थी. लेकिन उस वक्त बिल्डिंग के भीतर भारी भीड़ की वजह से इस वारदात को अंजाम नहीं दिया जा सका.