Israel Attack in Gaza: इजराइली हमले में पत्रकार ने खोए अपने पैर, बोला जानबूझकर बनाया निशाना
Israel Attack in Gaza: इजराइल पर लगातार आरोप लग रहे हैं कि वह आम लोगों को भी निशाना बना रहा है. इसके साथ ही पत्रकारों को भी निशाना बनाने का इल्जाम है. 6 महीनों में अब तक 100 से ज्यादा पत्रकारों की जान जा चुकी है.
Israel Attack in Gaza: मध्य गाजा में नुसेइरात शरणार्थी शिविर पर एक इजरायली हमले में तीन पत्रकार घायल हो गए हैं, जिनमें से एक गंभीर रूप से घायल हो गया है, घिरी हुई पट्टी के अधिकारियों का कहना है कि इजराइल की ओर से टारगेट करके यह हमला किया गया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चैनल के अनुसार, तुर्की ब्रॉडकास्टर टीआरटी के पत्रकार समी शहादेह का शुक्रवार को हमले में पैर कट गया है. टीआरटी अरबी संवाददाता समी बरहुम भी घायल हो गए हैं.
इजाइली सैनिकों ने जानबूझकर किया हमला
ब्रॉडकास्टर ने कहा, "टीआरटी अरबी [टीआरटी का अरबी भाषा चैनल] की एक टीम का वाहन, जो नुसीरात कैंप से टेलीकास्ट की तैयारी कर रहा था, उसको इजरायली सेना ने निशाना बनाया." टीआरटी के महानिदेशक जाहिद सोबासी ने हमले को "इजरायली क्रूरता" कहा और कहा कि यह हमला सभी "नैतिक, कानूनी या मानवीय सीमाओं" से परे चला गया है.
पैर कटने के बाद पत्रकार ने क्या कहा?
गाजा शहर के दीर अल-बलाह में अल-अक्सा अस्पताल के फर्श पर लेटे हुए शहादेह ने एएफपी रिपोर्टर को बताया कि वह “खतरे के इलाके से बहुत दूर हैं” जब हमला हुआ तो मैं भी लोगों और पत्रकारों से घिरा हुआ था. “हम कैमरे से शूट कर रहे थे जब हमें टारगेट किया गया, मुझे नहीं पता कि यह मिसाइल थी या टैंक. मैंने देखा कि मेरा पैर कट गया था.'' उन्होंने कहा कि मैंने प्रेस का हेलमेट और वेस्ट पहना हुआ था. ये बात अंधे को भी साफ हो जाती कि मैं एक पत्रकार हूं.
इजराइल जानबूझकर बना रही है मीडिया को निशाना
गाजा मीडिया ऑफिस ने इस हमले की निंदा की है. उन्होंने अपने बयान में कहा,"हम इजरायली कब्जे वाले बलों के जरिए पत्रकारों और मीडिया कर्मियों को लगातार निशाना बनाए जाने की कड़ी निंदा करते हैं. इज़रायली सेनाएं जानबूझकर पत्रकारों को डराने, धमकाने और अपने कर्तव्यों का पालन करने से रोकने के साथ-साथ सच्चाई को दबाने के प्रयास में पत्रकारों को मार रही हैं और घायल कर रही हैं."
100 से ज्यादा पत्रकारों की मौत
जब से इजराइल और गाजा के बीच जंग शुरू हुई है 100 से ज्यादा पत्रकारों की मौत हो चुकी है. कई लोगों ने गाजा को छोड़ दिया है और काफी लोग वहीं रहकर रिपोर्टिंग कर रहे हैं. गाजा में अभी तक 33,600 लोगों की जान जा चुकी है और हर रोज मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है.