India on Israel Hamas: पिछले साल 7 अक्टूबर से इज़राइल-हमास के दरमियान जंग जारी है. तब लेकर अब पहली बार भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को अपना बयान दिया है. उन्होंने दोनों के दरमियान जारी जंग पर कहा कि इजरायल को नागरिक हताहतों के प्रति बहुत सचेत रहना चाहिए था और अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करना चाहिए था.


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आतंकवादी हमला
जर्मनी में म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में बोलते हुए जयशंकर ने कहा: "7 अक्टूबर को जो हुआ वह आतंकवाद था. इसमें कोई स्पष्टीकरण नहीं है." उन्होंने आगे कहा कि "इज़राइल को नागरिक हताहतों के प्रति बहुत सचेत रहना चाहिए, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करना उसका दायित्व है."


बंधकों की हो वापसी
जयशंकर ने कहा कि "इजरायली बंधकों की वापसी अहम है. गाजा के लोगों को राहत देने के लिए एक मानवीय गलियारे की जरूरत है." उन्होंने सबसे आखिर में कहा कि आखिरकार जंग का एक समाधान होना ही चाहिए. जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि भारत लंबे समय से दो-राज्य समाधान में विश्वास करता रहा है.


क्या है पूरा मामला?
ख्याल रहे कि 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर हमला किया था. इस हमले में इजरायल के 1200 लोग मारे गए जबकि 200 से ज्यादा इजरायली बंधक बनाए गए. इसके बाद इजरायल ने हमला वाले इलाके गाजा पर हमला करना शुरू किया. इन हमलों में 28 हजार से ज्यादा लोग मारे गए हैं. यह हमले अब तक जारी हैं. 


नहीं हो पा रहा समझौता
कतर, अमेरिका और मिश्र दोनों देशों के दरमियान जंगबंदी पर समझौता करना चाहते हैं. हमास ने इजरायल से मांग रखी है कि वह 100 इजरायल बंधकों के बदले 3000 फिलिस्तीनी बंधकों को रिहा करे और गाजा से अपनी फौज हटाए, लेकिन इजरायल ने इससे इंकार कर दिया है. हमास का कहना है कि इजरायल समझौता की बातचीत करने में देरी कर रहा है.