इसराइली सैनिकों ने राफा में रिफ्यूजी कैंप पर की भीषण गोलीबारी, 78 लोगों की मौत
Rafah Attack: गाजा हिंसा में अब तक 36,171 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 81,420 लोग जख्मी हुए हैं. जिनमें ज्यादातर बच्चे औ महिलाएं शामिल हैं. इस बीच इसराइली फौज ने राफा में मौजूद एक रिफ्यूजी कैंप पर भीषण गोलीबारी की है.
Rafah Attack: राफा में इसराइली सैनिकों ने एक रिफ्यूजी कैंप पर भीषण गोलीबारी की है, जिसमें 13 बच्चों और महिलाओं समेत 21 लोगों की मौत हो गई है. इससे पहले इसराइली फौज ने राफा के पश्चिमी इलाके में मौजूद रिफ्यूजी कैंप पर हवाई हमला किया था, जिसमें 45 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें सबसे ज्यादा बच्चों की मौत हुई थी. इस बीच एक निजी न्यूज चैनल ने दावा किया है कि राफा में पिछले 24 घंटे में 78 लोगों की मौत हुई है.
पिछले साल 7 अक्टूबर से हिंसा जारी
गौरतलब है कि गाजा में पिछले साल 7 अक्टूबर 2024 से हमास और इसराइल के बीच भीषण लड़ाई जारी है. इस हिंसा से बचने के लिए 10 लाख से ज्यादा लोग राफा में शरण लिए हुए हैं. इस बीच इसराइल राफा को कैप्चर करना चाहता है. इसराइल की दलील है कि हमास को खत्म करने के लिए राफा में सैन्य अभियान चलाना जरूरी है. वहीं, दुनिया भर के देश इसराइल को चेतावनी दे रहे हैं कि गाजा के राफा शहर में इसराइल को अपना सैन्य अभियान को रोक देना चाहिए. क्योंकि इससे 10 लाख लोगों की जान को खरता है.
लोग भूखमरी के हो रहे हैं शिकार
गाजा हिंसा की वजह से गाजा में मानवीय संकट पैदा हो गया है. लोगों को दो जून की रोटी नसीब नहीं हो रही है. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि लोगों को पीने के लिए साफ पानी नसीब नहीं हो रहा है. लोग एक-एक कतरा के लिए तरह रहे हैं. सबसे ज्यादा बच्चों को परेशानी हो रही है, बच्चे सबसे ज्यादा भूखमरी के शिकार हो रहे हैं. हालांकि, राहत सामाग्री पहुंचाया जा रहा है, लेकिन वो काफी नहीं है. लोग भूखमरी के शिकार हो रहे हैं. ऐसे हालात में इसराइल का राफा पर हमला करना, हालात को और भयावह बना सकती है.
अब तक 36 हजार से ज्यादा लोगों की हुई मौत
वाजेह हो कि हमास ने इसराइल पर 7 अक्टूबर 2024 को हमला किया था, जिसमें करीब 1200 लोगों की मौत हो गई थी. जिसके बाद इसराइल ने हमास पर जवाबी कार्रवाई करते हुए गाजा पट्टी पर हमला बोल दिया. अभी भी इसराइल के हमले जारी है. इस हिंसा में अब तक 36,171 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 81,420 लोग जख्मी हुए हैं. जिनमें ज्यादातर बच्चे औ महिलाएं शामिल हैं.