Israel–Hamas War: इजरायल और गाजा के दरमियान पिछले साल 7 अक्टूबर से जंग जारी है. जंग की वजह से गाजा के आम लोगों की जिंदगी दरहम बरहम हो गई है. पुलिस के मुताबिक, गाजा में फौरन जंगबंदी करने और फिलिस्तीनी लोगों के लिए इंसाफ तय करने के लिए बेल्जियम से ठोस कदम उठाने की मांग को लेकर ब्रुसेल्स में लगभग 9,000 लोगों ने एक मार्च में हिस्सा लिया.


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मिडिल ईस्ट के हालात पर होगी चर्चा
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, यूरोपीय संघ परिषद के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में, बेल्जियम को इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष के उचित समाधान को बढ़ावा देने में केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए कहा जाता है. सोमवार को यूरोपीय संघ की विदेश मामलों की परिषद ब्रुसेल्स में मध्य पूर्व की स्थिति पर चर्चा करेगी. फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण के शीर्ष राजनयिक रियाद अल-मलिकी के साथ अलग वार्ता से पहले यूरोपीय संघ के 27 विदेश मंत्री इज़रायली विदेश मंत्री इज़राइल काट्ज़ से मिलेंगे.


24 हजा लोगों की गई जान
इस रविवार को लामबंदी प्रमुख गैर सरकारी संगठनों सहित बेल्जियम के नागरिक समाज संगठनों के एक विविध गठबंधन की तरफ से शुरू की गई थी. शांति की वकालत करने वाले आयोजकों ने युद्ध अपराधों, नागरिकों पर हमलों, यहूदी-विरोध या नस्लवाद को बढ़ावा देने के खिलाफ चेतावनी दी. आयोजकों के मुताबिक, पिछले तीन महीनों में 24,000 से ज्यादा फिलिस्तीनियों, मुख्य रूप से औरतों और बच्चों की जान चली गई है. लगभग 1.9 मिलियन लोगों को जबरन विस्थापित किया गया है, और नागरिक बुनियादी ढांचे का एक अहम हिस्सा पूरी तरह से नष्ट हो गया है.


क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें कि 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर हमला कर दिया. हमले में इजरायल के 1200 लोग मारे गए. इसके बाद इजरायल ने गाजा पर हवाई हमले शुरू किए. इसके बाद जमीनी अभियान शुरू किया. इन हमलों में 24 हजार से ज्यादा लोग मारे गए हैं. 60 हजार से ज्याद लोग घायल हुए हैं. इसके साथ ही कई लाख लोग अपने घर से बेघर हो गए हैं.