Protest in US: यूएस में फिलिस्तीन की समर्थन में हो रहे हैं प्रदर्शन; छात्रों की है ये बड़ी मांगे
Protest in US in Support of Palestine: फिलिस्तीन के समर्थन में यूएस में प्रोटेस्ट हो रहे हैं. पुलिस ने कई छात्रों को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं कई यूनिवर्सिटीज के कैंपस में छात्रों ने कैंप लगा लिए हैं.
Protest in US: यूएस में केवल एक दिन में 60 से अधिक प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया, क्योंकि अमेरिका में फेमस यूनिवर्सिटी के परिसरों में फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शन किए जा रहे हैं. पिछले हफ्ते न्यूयॉर्क के कोलंबिया विश्वविद्यालय में 100 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी के बाद गाजा में इजरायल-हमास युद्ध के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है.
अलग-अलग यूनिवर्सिटी में हो रही हैं गिरफ्तारियां
गुरुवार को जॉर्जिया के अटलांटा में एमोरी विश्वविद्यालय में समुदाय के 20 सदस्यों सहित 28 गिरफ्तारियां हुईं, जबकि इंडियाना विश्वविद्यालय में कम से कम 33 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया.
क्या है छात्रों की मागें
फिलिस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शन का सेंटर बन चुकी कोलंबिया यूनिवर्सिटी में प्रदर्शनकारी छात्रों ने तब तक अपना आंदोलन रोकने से इनकार कर दिया है जब तक कि संस्थान इजरायली शैक्षणिक संस्थानों के साथ संबंधों में कटौती नही करता और यहूदी मुल्क से जुड़ी संस्थाओं से अपने पैसों के इनवेस्टमेंट को खत्म नहीं कर देता.
गुरुवार को हुई गिरफ्तारियां
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, जॉर्जिया राज्य के गश्ती अधिकारियों ने गुरुवार को अटलांटा में एमोरी विश्वविद्यालय के कैंपस में 28 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. राज्य गश्ती दल ने कहा कि अधिकारियों को प्रदर्शनकारियों को कंट्रोल करने के लिए काली मिर्च के गोले का सहारा लेना पड़ा. पुलिस का आरोप है कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर बोतले फेंकी थीं.
इंडियाना यूनिवर्सिटी में 33 लोग गिरफ्तार
पुलिस की कई चेतावनियों के बावजूद अपना विरोध प्रदर्शन रोकने से इनकार करने के बाद इंडियाना विश्वविद्यालय के परिसर में कम से कम 33 लोगों को गिरफ्तार किया. इंडियाना यूनिवर्सिटी पुलिस विभाग ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को गुरुवार सुबह और दोपहर को अपने कैंप्स आदि हटाने की चेतावनी दी गई थी, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.
साउथ कैलीफॉर्निया को रद्द करनी पड़ी सेरेमनी
दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय ने गुरुवार को ग्रेजुएशन सेरेमनी को रद्द करने के अपने फैसले की घोषणा की. एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के मुकाबिक, यह कदम प्रशासकों के यह कहने के 10 दिन बाद आया है कि फिलीस्तीनियों के लिए समर्थन व्यक्त करने वाले छात्र सत्यापनकर्ता को बोलने की अनुमति नहीं दी जाएगी.