US, UK attacked Yemen: यूके और यूएस ने यमन में हूति विद्रोहियों के ठिकानों को निशाना बनाया है. बता दें, हूति विद्रोही लगातार लाल सागर में जहाजों को निशाना बनाते आए हैं. जब से इजराइल और गाजा के बीच जंग शुरू हुई है, तब से हूति विद्रोही इजराइल से जुड़े जहाजों को निशाना बना रहे हैं. शनिवार के हमलों के अलावा, यूएस सेंट्रल कमांड (CENTCOM) ने रविवार तड़के एक हूति एंटीशिप मिसाइल को भी मारा है. यह मिसाइल "लाल सागर में जहाजों के खिलाफ लॉन्च करने के लिए तैयार की गई थी".


यूएस और यूके ने किया यमन पर हमला


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नवंबर के बीच से, हूति विद्रोहियों ने गाजा पर इजरायल के हमलों को रोकने के टारगेट के साथ, अमेरिका और ब्रिटेन के सैन्य युद्धपोतों के अलावा, इजरायल से जुड़े वाणिज्यिक जहाजों पर दर्जनों मिसाइल, ड्रोन और नाव हमले शुरू किए हैं. हूतियों ने यह भी मांग की है कि इज़राइल गाजा को मानवीय सहायता पहुंचाने की इजाजत दी जाए, जहां 2.3 मिलियन की लगभग पूरी आबादी भूख का सामना कर रही है.


अमेरिका ने हमलों को लेकर क्या कहा?


इन हमलों को लेकर CENTCOM ने कहा कि उसने ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, कनाडा, डेनमार्क, नीदरलैंड और न्यूजीलैंड के "समर्थन" से "आनुपातिक" हमले शुरू किए हैं. अमेरिका, ब्रिटेन और समर्थक देशों ने एक संयुक्त बयान में कहा, ''शनिवार आधी रात के आसपास 13 जगहों पर छत्तीस टारगेट्स को निशाना बनाया गया है.'' बयान में आगे कहा गया है,"इन हमलों का मकसद अमेरिका और ब्रिटेन के जहाजों के साथ-साथ लाल सागर, बाब अल-मंडेब जलडमरूमध्य और अदन की खाड़ी में इंटरनेशनल कमर्शियल शिपिंग पर अपने लापरवाह और गैरकानूनी हमलों को जारी रखने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली हूति क्षमताओं को कम करना है."


ईरान ने क्या कहा?


बताया जा रहा है कि कुछ हवाई हमले पहाड़ी इलाकों पर थे, जहां हूति को पहले भी निशाना बनाया गया था. ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने रविवार को एक बयान में यमन पर हमलों की निंदा करते हुए कहा कि वे अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को कमजोर करते हैं और वाशिंगटन और लंदन के दावों के खिलाफ हैं कि वे इलाके में युद्ध की इच्छा नहीं रखते हैं. हूति प्रवक्ता मोहम्मद अब्दुस्सलाम ने चेतावनी दी कि अमेरिका और ब्रिटेन के हमले - चाहे यमन, ईराक या सीरिया में हों वह इलाके को दलदल में धकेल देंगे और "हमारे लोगों के प्रति नफरत की आग को भड़काएंगे".


उन्होंने कहा,"गाजा को समर्थन देने का यमन का फैसला दृढ़, सैद्धांतिक है और किसी भी हमले से प्रभावित नहीं होगा. इलाके में युद्ध को बढ़ाने और नया मोर्चा खोलने के बजाय, अमेरिका और ब्रिटेन को अंतरराष्ट्रीय जनता की राय सुननी चाहिए, जो इजरायली आक्रामकता को तत्काल रोकने, गाजा पर घेराबंदी हटाने और इसकी कीमत पर इजरायल को सुरक्षा समाप्त करने का आह्वान कर रही है.