Iran Attack on Israel: अमेरिका ने ईरान के तेल को एशिया में खरीदारों को बेचने के लिए गैर-कानूनी तरीके से ले जाने के आरोप में दर्जन भर जहाजरानी कंपनियों को प्रतिबंधित किया है. इनमें एक भारतीय कंपनी भी शामिल है. ईरान के एक अक्टूबर को इसराइल पर किए गए हमले के बाद उसके ऊर्जा व्यापार पर बैन लगाए जाने के कुछ दिन बाद ही अमेरिका ने इन कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया. अमेरिकी विदेश विभाग ने आरोप लगाया है कि भारत स्थित कंपनी गब्बारो शिप सर्विसेज भी कच्चे तेल के अवैध परिवहन में शामिल थी.


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दरअसल, अमेरिका ने 1 अक्टूबर को इसराइल के खिलाफ ईरान के हमले के जवाब में बड़ी कार्रवाई करते हुए तेल और पेट्रोकेमिकल्स क्षेत्रों पर नए प्रतिबंध लगा दिए हैं, जिसमें अमेरिका ने ईरान के दर्जनों नई कंपनियों और फर्मों को प्रतिबंधित कर दिया है. ट्रेजरी विभाग ने बताया कि तेहरान पर प्रतिबंधों को दरिनार कर "घोस्ट फ्लीट" के जरिए ये जहाज ईरानी तेल बेच रहे थे.  बता दें कि इन जहाजों को प्रतिबंधित वस्तुओं की तस्करी के लिए इस्तेमाल किया जाता है. विभाग ने ईरानी पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल उत्पादों की खेप में उनकी संलिप्तता की वजह से भारती कंपनी गब्बारो शिप सर्विसेज समेत  10 कंपनियों और 17 जहाजों को बैन कर दिया है.


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अमेरिका का ईरान के खिलाफ बड़ा एक्शन
तेहारन पर ये बैन ईरान के द्वारा इसराइल पर किए हमले के खिलाफ अमेरिका की प्रक्रिया का सबसे बड़े हिस्सों में एक है. इसराइल ने लेबनान की राजधानी बेरुत के रिहाईशी इलाक में बने हिज्बुल्लाह के हेडक्वार्टर पर विध्वंसक हमले किए थे. IDF के इस हमले में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स (IRGC ) के एक जनरल समेत हिज्बुल्लाह हसन नसरल्ला और उसकी बेटी जैनब नसरल्लाह की मौत हो गई थी. इसी हत्या के प्रतिशोध में ईरान ने 1 अक्टूबर को इसराइल पर करीब 200 बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं थीं.