Israel Hamas: पिछले 10 महीनों से ज्यादा वक्त से इजरायल और हमास के दरमियान संघर्ष जारी है. जंग में अब तक 40 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे गए हैं. ऐसे में अमेरिका इजरायल पर जंगबंदी के लिए बुरी तरह से दबाव बना रहा है. इजरायल पर जंगबंदी के लिए और ज्यादा दबाव बनाया जा सके इसके लिए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन रविवार को तेल अवीव पहुंचे. उनका मेन मकसद इजराइल और हमास के बीच बंधक समझौता कराना है. 


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अमेरिका कर रहा जंगबंदी की कोशिश
पिछले साल अक्टूबर में इजराइल और हमास के दरमियान जंग शुरू हुई थी. इसके बाद ब्लिंकन की यह तेल अवीव की नौवीं यात्रा है. अपनी यात्रा के दौरान, ब्लिंकन इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू सहित इजराइली नेताओं से मिलने वाले हैं, क्योंकि व्हाइट हाउस ने संकेत दिया है कि सौदा पक्का होने के लिए तैयार है. कतर में दो दिनों तक चर्चा करने के बाद रविवार को मध्य-स्तरीय इजराइली वार्ताकारों ने काहिरा में बातचीत की, जिससे मध्यस्थता करने वाले देशों में आशावाद पैदा हुआ. 


नेतन्याहू ने रखी मांग
टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्लिंकन के इजराइल पहुंचने से कुछ वक्त पहले, नेतन्याहू ने कहा कि वह अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं, उन्होंने हमास पर और ज्यादा दबाव बनाने की गुजारिश की जो संभवतः उम्मीदों को कम करने की कोशिश कर रहा है. हाल ही में कैबिनेट बैठक में नेतन्याहू ने कहा, "मैं इस बात पर ज़ोर देना चाहता हूं कि हम बातचीत कर रहे हैं "देना-लेना", न कि देना-देना. ऐसे क्षेत्र हैं जहां हम लचीलापन दिखा सकते हैं, और ऐसे क्षेत्र हैं जहां हम लचीलापन नहीं दिखा सकते हैं और हम उन पर दृढ़ हैं. हम दोनों के बीच अंतर करना अच्छी तरह जानते हैं." 


नेतन्याहू का बयान
कैबिनेट बैठक के दौरान उन्होंने कहा, "अपने अपहृत लोगों को वापस लाने के लिए हम बहुत प्रयास कर रहे हैं." उन्होंने कहा, "हम अपने सिद्धांतों पर टिके हुए हैं, जो इज़राइल की सुरक्षा के लिए जरूरी हैं." नेतन्याहू ने कहा कि सिद्धांत "27 मई की रूपरेखा के अनुरूप हैं, जिसे अमेरिकी समर्थन मिला."