Ismail Haniyeh Death: हमास ने 7 अक्टूबर को इसराइल पर हमला किया था, जिसके बाद इस्माइल हानिया इसराइल के दुश्मन नंबर वन बन गए थे. क्योंकि हानिया हमास के चीफ थे. जिसको ईरान की राजधानी तेहरान में कथित तौर पर इसराइल ने 30 जुलाई को हमास के चीफ इस्माइल हानिया को मार गिराया है. हमास ने खुद एक बायन जारी कर यह जानकारी दी है और ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने बयान में तस्दीक की है. आइए जानते हैं, हमास के चीफ इस्माइल हानिया का राजनीतिक सफर..


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रिफ्यूजी कैंप में हुआ था जन्म
इस्माइल हानिया का जन्म 1962 में गाजा पट्टी के अल-शती रिफ्यूजी कैंप में हुआ था. उन्होंने गाजा के इस्लामिक यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की थी, जहां वह पहली बार हमास जुड़े थे और साल 1987 में अरबी साहित्य में स्नातक की पढ़ाई की थी. इस्माइल हानिया को साल 1997 में हमास कार्यलय का प्रमुख नियुक्त किया गया. जिसके बाद वह संगठन में पकड़ बनाते गए और आगे बढ़े.


हानिया फिलिस्तीन के रह चुके हैं पीएम
इस्माइल हानिया हमास के लिस्ट में सबसे ताकतवर और प्रमुख नेता बन गए थे. जिन्होंने साल 2006 में फिलिस्तीनी विधायी चुनावों में चीत दर्ज की थी. इसके साथ ही वो फिलिस्तीन के प्रधानमंत्री भी बने. हालांकि, फिलिस्तीनी राष्ट्रीय ऑथिरिटी के चीफ महमूद अब्बास ने 14 जून 2007 को हानिया को पीएम पद से बर्खास्त कर दिया था. इसके बाद से ही वेस्ट बैंक में मौजूद संगठन फतह और हमास ने दूरियां बढ़ती गई. वहीं, हानिया ने अब्बास के आदेश को स्वीकार नहीं किया और गाजा के पीएम बने रहे. 


इसी साल आए थे ईरान
हानिया साल 2006 से 2007 के फरवरी तक गाजा में हमास के नेता थे. उनकी जगह याह्या सिनवार ने ले ली थी. 6 मई को 2017 को हानिया खालिद मशाल की जगह हमास के राजनीतिक ब्यूरों के अध्यक्ष चुने गए. उस समय हानिया कतर चले गए और तब से वहीं थे. वहीं, इसी साल ईरान के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की एक प्लेन हादसे में 21 मई 2024 को मौत हो गई थी. जिनके जनाजे में शामिल होने के लिए हानिया ईरान आए हुए थे. इसके बाद से वह यहीं रह रहे थे.