Jobs News: यूपी पुलिस ने लोगों को चेताया है कि वह सोशल मीडिया पर दिए जा रहे नौकरी के प्रपोजलों के झांसे में न आएं. यह सलाह तब आई है जब क्लिक फार्म धोखाधड़ी के 50 से अधिक मामले सामने आए हैं और उनमें से कई अभी भी रिपोर्ट नहीं किए गए. यूपी पुलिस की साइबर सेल का मकसद लोगों को झांसे के बारे में बेदार करना और उन्हें फर्जी नौकरी के जाल में फंसने से रोकने के लिए आगाह करना है.


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अनुमान के मुताबिक शहरवासियों को अब तक ऐसे घोटालेबाजों की वजह से 17 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है. क्लिक फार्म में चीजों और सर्विस को अच्छी ऑनलाइन रेटिंग देने के लिए लोगों को काम पर रखा जाता है. एक तरह से यह भी एक तरह की नौकरी है, जिसका फायदा घोटालेबाज उठा रहे हैं. पुलिस के मुताबिक, स्कैमर्स यूजर्स से (टेलीग्राम और व्हाट्सएप पर) संपर्क कर कहते हैं कि वे एक पार्ट-टाइमर की तलाश कर रहे हैं जो प्रति दिन 5,000 रुपये तक कमा सकते हैं.


पुलिस ने कहा, "यूजर्स की तरफ से ऑफर स्वीकार करने के बाद, उन्हें एक टेलीग्राम चैनल में जोड़ा जाता है जो 'टास्क मैनेजर' की तरफ से चलाया जाता है, जो उन्हें 'काम' सौंपता है. फिर, पीड़ितों को कुछ यूट्यूब वीडियो पर 'लाइक' बटन दबाने के लिए कहा जाता है और कहा जाता है क‍ि 'मैनेजर' को एक स्क्रीनशॉट भेजें. जैसे-जैसे यूजर यूट्यूब वीडियो को पसंद करते रहते हैं, जमा हुई कमाई स्कैमर्स के 'जॉब ऐप' पर दिखाई जाती है. ये कमाई केवल दिखाने के लिए है और घोटालेबाज यूजर्स को कोई पैसा नहीं भेजता है. 


एक सीनियर अफसर ने कहा कि साइबर अपराधी यूजर्स से उनकी जमा पूंजी हासिल करने के लिए कुछ टोकन राशि (उदाहरण के लिए, 5,000 रुपये) का 'निवेश' करने के लिए कहेंगे. उन्होंने कहा, “एक बार पैसा ट्रांसफर हो जाने के बाद, स्कैमर्स व्हाट्सएप और टेलीग्राम पर यूजर को ब्लॉक कर देते हैं.” यह भी सामने आया है कि यूजर्स को जमा राशि प्राप्त करने के लिए अपने बैंक खाते की डीटेल भेजने को कहा जाता है. उन्होंने कहा, जैसे ही यूजर्स अपनी बैंक डीटेल शेयर करते हैं, साइबर अपराधी उनके खातों से पैसे चुरा लेते हैं. क्लिक फार्म धोखाधड़ी मामलों की जांच कर रहे साइबर सेल के अफसरों ने कहा है कि पिछले छह महीनों में शहर से ऐसे 24 मामलों सामने आए हैं. जांच अधिकारी सौरभ मिश्रा ने बताया कि संचालक दुबई से काम करते हैं.