Ala Hazrat Urs 2024: दुनिया भर में मशहूर फाजिल-ए-बरेलवी इमाम अहमद रजा खां (आला हजरत) का आज से 106वां उर्से रजवी शुरू हो रहा है. इस मुबारक मौके पर पहले दिन ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के हेड आफिस पर जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुफ्ती मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी की अध्यक्षता में एक बैठक बुलाई गई थी, जिसमें देश के अलग-अलग राज्यों से आए उलमा-ए-कराम और बुद्धिजीवियों ने मुसलमानों के मसाइल पर विस्तार से चर्चा की. इस बैठक में  मुसलमानों, हुक़मतों, और अलग-अलग सियासी पार्टियों के कामों का जायज़ा लेते हुए एक "मुस्लिम एजेण्डा" तैयार किया गया.


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मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने "मुस्लिम एजेण्डा" ज़ारी करते हुये मुसलमानों को हिदायत की है कि तालीम, बिज़नेस, और परिवार पर ध्यान दें और समाज में फैल रही बुराईयों पर रोकथाम करें. लड़कियों के लिए अलग से स्कूल व कॉलेज बनावएं, इस वक्त भारत की सियासत बहुत खराब हो चुकी है इसलिए सियासत में बहुत ज्यादा हिस्सा न लेकर दूरी बनाए, नहीं भविष्य में बड़े नुकसान उठाने पड़ सकते हैं.


देश की एकता और अखण्डता के लिये मुसलमान हर कुर्बानी देने के लिये तैयार; मौलाना
मौलाना ने केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों को कड़े शब्दों में कहा की देश की एकता और अखण्डता के लिये मुसलमान हर कुर्बानी देने के लिये तैयार है, मगर हिन्दू और मुस्लिम के दरमियान नफरत फैलाने वाली सियासत बरदाश्त नहीं की जा सकती है.उनहोंने कहा कि मुसलमानों के साथ ना इंसाफी और ज़ुल्म व ज़ियादती को भी ज़्यादा दिन तक हम सहन नहीं कर सकते, सरकारों व सियासी पार्टियों को इस पर गंभीरता से काम करना होगा, और मुसलमानों के प्रति अपने कैरेक्टर में बदलाव लाना होगा.


वक्फ संशोधन बिल किया समर्थन
हालांकि, मौलाना ने वक्फ संशोधन बिल का हम समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि वक्फ प्रोपर्टी का रख रखाव और उससे होने वाली आमदनी गरीब और कमजोर मुसलमानों पर खर्च की जाए, जिससे मुसलमानों की गुरबत दूर हो सके. मौलाना ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने लाल किले से समान्य नागरिक संहिता (UCC) को लागू करने की बात कही है, ये कानून और इसी तरह और दूसरे कानून जो शरियत में मुदाखीलत करते हैं, उसको भारत का मुसलमान मानने के लिए तैयार नहीं है.


इसराइल-हमास जंगबंदी को लेकर क्या रहा?
मौलाना ने कहा कि बंगलादेश में तख्ता पलट के बाद हिन्दूओं के मकानों और मंदिरों पर हमले हुए, ये बहुत ही निंदनीय है. वहीं, मौलाना ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के रिश्ते को लेकर कहा कि इन दोनों देशों की सरकारों को चाहिए कि अपनी जमीन को भारत के खिलाफ इस्तेमाल होने न दें, और आतंकवाद का जड़ से खत्म करें. इसके अलावा मौलाना ने इसराइल और फलस्तीन की जंग बंदी के लिए UNO से मुतालबा किया, और गाजा में मारे गए हजारों फलस्तीनीयों का जिम्मेदार अमेरिका को ठहराया.


"पैग़म्बरे इस्लाम बिल" लाने की मांग
मौलाना ने सरकार और सियासी पार्टियों को चेतावनी देते हुए कहा कि अक्सर कोई न कोई व्यक्ति पैग़म्बरे इस्लाम की शान में गुस्ताखी करता है, मगर सभी लोग खामोश तमाशाही बने रहते हैं, कोई कार्रवाई नहीं होती. इसलिए पार्लियामेंट या असेंबली में "पैग़म्बरे इस्लाम बिल" लाया जाए, ताकि फिर कोई व्यक्ति पैग़म्बरे इस्लाम की शान में गुस्ताखी न कर सके.


बैठक में मुस्लिम कौम दी ये हिदायतें 
बैठक में मौलाना ने मुस्लिम कौम को कई हिदायतें दीं, जिनमें बच्चे को अच्छी तालीम, गरीब  बच्चों के लिए स्कूल व्यवस्था, अरबी उर्दू के साथ हिन्दी व अंग्रेज़ी और कम्प्यूटर शिक्षा की व्यवस्था, मां-बाप की जमीन में लड़कों के साथ लड़कियों को हिस्सेदारी देने समेत जकात और फितरा शामिल हैं. 


मौलाना ने केन्द्र सरकार व राज्य की सरकारों को दी ये हिदायतें
वहीं, मौलाना ने केन्द्र सरकार व राज्य की सरकारों को भी हिदायतें दी हैं. उन्होंने कहा कि मुल्क की सालमती यानि देश की एकता व अखण्डता पर काम करने वाली सरकारें या अन्य संस्था उनके साथ हम कांधे से कांधा मिलाकर काम करने के लिये तैयार हैं. उन्होंने राज्य सरकारों से मांग करते हुए कहा कि अल्पसंख्यकों के उत्थान हेतु बहुत सारी स्कीमें बनाई है, मगर हक़ीक़त ये है कि इन स्किमों का कोई भी फायदा मुसलमानों को हासिल नहीं होता है, इसकी व्यवस्था में बदलाव किया जाये.


इसके अलावा उन्होंने कहा कि लव-जिहाद, मॉब-लिंचिंग, धर्मान्तरण, टैररफण्डिंग और आतंकवाद के नाम पर मुसलमानों को भयभीत व परेशान किया जा रहा है, इस पर तुरंत रोकथाम किया जाना चाहिये.