Assam Muslim News: असम की विपक्षी पार्टी ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) ने सोमवार को राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य को ज्ञापन देकर राज्य सरकार से उन संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की जिन्होंने मुस्लिम समुदाय के एक वर्ग को ऊपरी असम छोड़ने या ‘नतीजे भुगतने की ’धमकी दी है. ऊपरी असम के अंतर्गत नौ जिले आते हैं. विपक्षी दल ने भारतीय जनता पार्टी (नीत) सरकार से भी मांग की है कि वह एक बयान जारी कर मुस्लिमों के एक वर्ग के खिलाफ खड़े इन संगठनों की निंदा करे..


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मुसलमानों को इलाका छोड़ने को कहा
हाल ही में कई संगठनों ने ‘मिया’ को तत्काल ऊपरी असम से जाने को कहा था. इन संगठनों का दावा है कि यह मूल लोगों और उनकी संस्कृति की रक्षा करने के लिए उठाया गया कदम है. असम में बांग्ला भाषी मुस्लिमों के लिए ‘मिया’ शब्द का इस्तेमाल किया जाता है और गैर-बांग्ला भाषी लोग इनकी पहचान अप्रवासी बांग्लादेशी के तौर पर करते हैं. हाल के सालों में समुदाय के कार्यकर्ताओं ने इस शब्द का इस्तेमाल प्रतिरोध के रूप में करना शुरू किया है. 


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ज्ञापन में क्या है?
राज्यपाल आचार्य को सौंपे ज्ञापन में AIUDF ने कहा, "हमारे संज्ञान में आया है कि कुछ अज्ञात संठनों और कट्टरपंथी समूहों ने सार्वजनिक रूप से मुस्लिमों के एक वर्ग को चेतावनी दी है और उनसे तत्काल ऊपरी असम को छोड़ने या नतीजे भुगतने की धमकी दी है." पार्टी ने कहा कि इस तरह के बयान न केवल चिंताजनक है बल्कि यह सांप्रदायिक सौहार्द्र और क्षेत्र में समुदाय की सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा है.


क्या है AIUDF?
आपको बता दें कि ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट एक राजनीतिक पार्टी है. पार्टी का दावा है कि वह असम में मुसलमानों के हित के लिए काम करती है. पार्टी संस्थापक और प्रमुख मौलाना बदरुद्दीन अजमल हैं. उन्होंने इस 3 अक्टूबर 2005 को पार्टी की नीव रखी थी. ये पार्टी असम में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है.