इस मुस्लिम काउंसिल ने की दरगाह बोर्ड बनाने की मांग; वक्फ बोर्ड में सशोधन का किया स्वागत
Waqf Board News: अखिल भारतीय सूफी सज्जादानशीन परिषद ने वक्फ बोर्ड में बदलाव के लिए सरकार के फैसले का स्वागत किया है. इसी के सथा परिषद ने मांग की है कि मजार बोर्ड बनाया जाए.
Waqf Board News: अखिल भारतीय सूफी सज्जादानशीन परिषद ने मंगलवार को वक्फ बोर्ड को नियंत्रित करने वाले कानून में संशोधन करने के सरकार के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा है कि यह लंबे समय से लंबित था. सूत्रों के मुताबिक, सरकार वक्फ बोर्डों को नियंत्रित करने वाले 1995 के कानून में संशोधन करने के लिए संसद में एक विधेयक लाने के लिए पूरी तरह तैयार है ताकि उनके कामकाज में अधिक जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके. इसके अलावा इन निकायों में औरतों को अनिवार्य रूप से शामिल किया जा सके.
दरगाह बोर्ड की मांग
अखिल भारतीय सूफी सज्जादानशीन परिषद (AISSC) के सदर हजरत सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने संशोधनों के तहत एक अलग दरगाह बोर्ड की मांग की. उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "मौजूदा वक्फ अधिनियम में दरगाहों का कोई जिक्र नहीं है. वक्फ बोर्ड दरगाह की परंपराओं को मान्यता नहीं देते हैं क्योंकि हमारी कई परंपराएं शरीयत में नहीं हैं, इसलिए हम एक अलग दरगाह बोर्ड की मांग करते हैं." चिश्ती ने इल्जाम लगाया कि वक्फ बोर्ड अपने मौजूदा स्वरूप में "तानाशाही तरीके" से काम करते हैं और उनमें कोई पारदर्शिता नहीं है.
बड़ा होगा मसौदा
उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि वक्फ संशोधन विधेयक का मसौदा व्यापक होगा और सभी हितधारकों के हितों की पूर्ति करेगा. मसौदे की गहन जांच के बाद, हम अपनी सिफारिशें और प्रस्ताव प्रस्तुत करने का इरादा रखते हैं." अध्यक्ष सहित AISSC के प्रतिनिधियों ने सोमवार को पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू से मुलाकात की और अपनी चिंताओं को प्रस्तुत किया.
मुसलमानों का फायदा
चिश्ती ने कहा, "हमें NSA और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री की तरफ से आश्वासन दिया गया था कि सभी हितधारकों से परामर्श किया जाएगा और संशोधन मुसलमानों के हित में होंगे." इससे पहले दिन में, रिजिजू ने कहा कि AISSC प्रतिनिधिमंडल ने मुस्लिम समुदाय से संबंधित कई अहम मुद्दों पर चर्चा की और कहा कि यह एक "फलदायी" और "आगे की ओर देखने वाली" चर्चा थी. उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "कल शाम अखिल भारतीय सूफी सज्जादानशीन परिषद (AISSC) का एक प्रतिनिधिमंडल, जिसमें भारत भर के विभिन्न दरगाहों के सबसे प्रतिष्ठित और प्रमुख सज्जादानशीन शामिल थे, ने अजमेर दरगाह के वर्तमान आध्यात्मिक प्रमुख के अध्यक्ष और उत्तराधिकारी श्री सैयद नसरुद्दीन चिश्ती की कयादत में मुस्लिम समुदाय से संबंधित कई अहम मुद्दों पर चर्चा करने के लिए मुझसे मुलाकात की.
पीएम मोदी की तारीफ
उन्होंने पूरे समुदाय और खास तौर से अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए पीएम @narendramodi जी की कोशिशों की तारीफ की. उन्होंने विकसित भारत 2047 के संकल्प के लिए खुद को प्रतिबद्ध भी किया. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री शहजाद पूनावाला भी मौजूद थे."