Pakistan News: बलूच बिरादरी के एक संगठन ने पाकिस्तान सरकार पर संगीन इल्जाम लगाए हैं. बलूच यकजेहती समिति (BYC) ने शुक्रवार को दो बच्चों के बारे जानकारी दी. इल्जाम है कि इन बच्चों को पाकिस्तानी राज्य अफसरों ने जबरन गायब कर दिया. BYC ने कहा कि नाबालिगों का अपहरण बलूच लोगों के उत्पीड़न में बढ़ोतरी को दिखाता है. एक्स पर एक पोस्ट में इसने जानकारी देते हुए कहा कि बच्चे, शाहनवाज और यूसुफ भोजन लेने जा रहे थे, जब उनका अपहरण कर लिया गया. समिति ने बताया कि एक बच्चे को रिहा कर दिया गया, जिसने गंभीर "शारीरिक और मानसिक यातना" सहन की, जबकि दूसरा बच्चा अभी भी पाकिस्तानी सेना की गैर कानूनी हिरासत में है.


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बच्चों का अपहरण अपराध
BYC ने कार्रवाई की निंदा की और कहा कि नाबालिगों का अपहरण कई अंतरराष्ट्रीय और मानवीय कानूनों का उल्लंघन है. उन्होंने अपने बयान में कहा कि "मानवाधिकारों और बच्चों की सुरक्षा के लिए घोर उपेक्षा" है. 16 जनवरी, 2025 को गोमाज़ी, जिला केच से दो बलूच बच्चों, शाहनवाज़ (हबीब का बेटा) और यूसुफ (कासिम का बेटा) के खतरनाक और गैरकानूनी तरीके से गायब होने की कड़े शब्दों में निंदा की जानी चाहिए. पाकिस्तानी सेना की तरफ से किया गया यह अपराध कई मानवीय और अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है.


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खाना लेने जा रहे थे बच्चे
BYC ने बताया कि दोनों नाबालिगों का अपहरण उस वक्त किया गया, जब वे अपने भाई के लिए खाना जमा करने के लिए जा रहे थे. यूसुफ बलूच को बाद में गंभीर शारीरिक और मानसिक यातना सहने के बाद रिहा कर दिया गया, जबकि शाहनवाज अभी भी सुरक्षा बलों की गैर कानूनी हिरासत में है. मानवाधिकारों और बच्चों की सुरक्षा के प्रति यह घोर उपेक्षा बलूच लोगों पर चल रहे उत्पीड़न में एक गंभीर वृद्धि है.


बलूच नरसंहार दिवस
इससे पहले, बलूच यकजेहती समिति के प्रमुख महरंग बलूच ने एक वीडियो संदेश में 25 जनवरी को बलूच राष्ट्रीय सभा से पहले लोगों को खिताब किया. उन्होंने 25 जनवरी को "बलूच नरसंहार स्मृति दिवस" ​​के रूप में चिह्नित किया.