Jamiat ulema-e-hind on Bulldozer action: देशभर में 'बुलडोजर कार्रवाई' की परंपरा शुरू हो गई है. सरकार किसी भी आरोपी के घर पर बुलडोजर चला दे रही है. हाल में ही मध्य प्रदेश में हाजी शहजाद के 20 करोड़ के घर को बुलडोजर से जमींदोज कर दिया गया. जिसके बाद पूरे देश में 'बुलडोजर कार्रवाई' पर कई सवाल खड़े होने लगे, लेकिन 'बुलडोजर कार्रवाई' पर अभी तक लगाम नहीं लग पाई है. 'बुलडोजर कार्रवाई' को लेकर देश में बहस शुरू हो गई है कि क्या यह कार्रवाई संविधान के मुताबिक है या फिर असंवैधानिक तरीके से लोगों के घर तोड़े जा रहे हैं.


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'बुलडोजर कार्रवाई' पर रोक लगाने की मांग
इस बीच जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने देशभर में 'बुलडोजर कार्रवाई' पर रोक लगाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. याचिका में यूपी, मध्य प्रदेश और राजस्थान में आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाए जाने की हाल की घटनाओं का हवाला देते हुए रोक लगाने की मांग की गई है. 


जमीयत ने सुप्रीम कोर्ट से की ये अपील
आज जमीयत की ओर से वकील सी यू सिंह ने जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने मामला पेश किया. वकील ने मांग की कि इस मुद्दे पर जमीयत की लंबित याचिका पर 2 सितंबर को सुनवाई हो रही है. कोर्ट को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उस दिन सुनवाई  सूची से यह मामला हटाया न जाए. जस्टिस गवई ने 2 सितंबर को सुनवाई का आश्वासन दिया है.


हाजी शहजाद अली को भेज दिया गया जेल
गौरतलब है कि एमपी के छतरपुर जिले में पुलिस पर पथराव हुआ था. जिसमें हाजी शहजाद अली (Haji shahzad ali) को आरोपी बनाया गया और उसके 20 करोड़ के घर को अवैध बातकर जमींदोज कर दिया गया. इसके साथ ही उसके तीन गाड़ियों को रौंद दिया गया. अब हाजी शहजाद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. हाजी पर आरोप लगा कि उसने  छतरपुर के कोतवाली पुलिस स्टेशन में पथराव करने वाली भीड़ की अगुआई की थी.