Gyanvapi Survey: ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर बड़ी खबर आई है. वाराणसी कोर्ट ने ASI को मस्जिद परिसर का सर्वे करने के लिए फिर से चार सप्ताह का वक्त दिया है. अब चार सप्ताह के बाद ASI अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. अदालत ने कहा, "इसके बाद सर्वे करने का वक्त अब नहीं बढ़ाया जाएगा."


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सरकारी वकील राजेश मिश्रा ने बताया कि जिला न्यायाधीश एके विश्वेश ने ASI की याचिका सुनने के बाद, चल रहे सर्वे की अवधि को चार सप्ताह और बढ़ाने की अपील स्वीकार कर लिया. एएसआई को सर्वे की रिपोर्ट 6 अक्टूबर तक सौंपनी थी, लेकिन अब 6 नवंबर तक का वक्त मिल गया है. 


ASI यहां काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वे कर रहा है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि 17वीं शताब्दी की इस मस्जिद का निर्माण हिंदू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना पर किया गया था या नहीं. ASI सर्वे तब शुरू हुआ था जब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी जिला अदालत के आदेश को बरकरार रखा और फैसला सुनाया था कि यह कदम ‘न्याय के हित में जरुरी’ है और इससे हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों को फायदा होगा. 


इससे पहले की सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष ने अपनी आपत्ति दर्ज की थी और कहा था कि ASI टीम मलबा या कचरा हटाकर परिसर का सर्वे करने के लिए अधिकृत नहीं है. मुस्लिम पक्ष ने इल्जाम लगाया था कि ASI ज्ञानवापी परिसर के बेसमेंट के साथ-साथ दूसरे स्थानों पर बिना इजाजत के खुदाई कर रहा है और संरचना की पश्चिमी दीवार पर मलबा जमा कर रहा है, जिससे संरचना के ढहने का खतरा हो सकता है. 


ASI का सर्वे का काम 4 अगस्त को फिर से शुरू हुआ. उसी दिन, वाराणसी कोर्ट ने एएसआई को सर्वे पूरा करने के लिए एक महीने का वक्त दिया था, जिसकी मूल समय सीमा चार अगस्त से बढ़ाकर चार सितंबर कर दी गई थी. कोर्ट ने 6 सितंबर को सर्वे के काम के लिए चार सप्ताह का एक और वक्त दिया है. यह तीसरी बार था जब अदालत ने सर्वे के लिए एएसआई को सर्वे के लिए वक्त दिया है.


Zee Salaam