Assam News: सुप्रीम कोर्ट ने 18 सितबंर को 1 अक्तूबर तक देश भर में बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी थी. कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन को संविधान के खिलाफ बताया था. सुप्रीम कोर्ट कहा कि अगली सुनवाई तक देश में कहीं भी, आपराधिक मामलों में आरोपियों के खिलाफ भी, हमारे आदेश के बिना कोई भी तोड़फोड़ की कार्रवाई नहीं की जाएगी. अगर अवैध तोड़फोड़ का एक भी मामला है तो यह संविधान के मूल्यों के खिलाफ है, लेकिन अमस में बुलडोजर एक्शन जारी है.


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असम में बुलडोजर एक्शन जारी
इस बीच, असम सरकार सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश की अनदेखी कर रही है और राज्य में बुलडोजर की कार्रवाई जारी है.दरअसल, सुबह से ही गुवाहाटी के सोनापुर कोचुटोली और गुवाहाटी जिले के लखीपुर के बंदरमाथा रिजर्व फॉरेस्ट इलाके में बुलडोजर की कार्रवाई चल रही है. ये दोनों ही जगह मुस्लिम बहुल इलाका है. इससे पहले भी इसी इलाके में बुलडोजर एक्शन में दो लोगों की मौत हो चुकी है.


जिला प्रशासन ने क्या कहा?
बुलडोजर एक्शन को लेकर जिला प्रशासन ने कहा कि यह गुवाहाटी जिले का बंदरमाथा रिजर्व फॉरेस्ट है, यहां हम रिजर्व फॉरेस्ट एरिया में बुलडोजर चला रहे हैं और हम इसे पूरी तरह खाली करवा रहे हैं.


सिर्फ मुलमानों के घर पर चल रहा है बुलडोजर
असम सरकार के इस एक्शन के बाद असम हाईकोर्ट ने वकील रिजाउल करीम ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि बुलडोजर सिर्फ उन इलाकों में चलाया जा रहा है जहां मुस्लिम रहते हैं, चाहे वो फॉरेस्ट रिजर्व हो या ट्राइबल बेल्ट, यहां सिर्फ मुस्लिम ही नहीं हैं, यहां दूसरे समुदाय के लोग भी हैं, उनके घरों पर बुलडोजर नहीं चलाया जा रहा है, सिर्फ मुस्लिम समुदाय के लोगों के घरों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है, जो कि सरासर गलत है. 


मौलिक अधिकार है हनन
उन्होंने आगे कहा कि अगर बुलडोजर चलाना ही है, तो सरकार को उनके रहने और खाने का इंतजाम करना होगा. क्योंकि ये उनका मौलिक अधिकार है. क्योंकि ये लोग भारतीय हैं, भारतीय नागरिक हैं, वोट भी देते हैं इसलिए उनके मौलिक अधिकारों का हनन नहीं होना चाहिए.


रिपोर्ट गुवाहाटी से शरीफ उद्दीन अहमद