Bageshwar Baba Controversial Statement: देश में एक समुदाय के प्रति नफरत इतनी बढ़ गई है कि दूसरे समुदाय के लोग को फूटी आंख नहीं सुहाता है. पहले सिर्फ राजनेता अपने सियासी फायदे के लिए नफरत भरे बयान देते थे, लेकिन अब वक्त और हालात दोनों बदल गए हैं. धार्मिक नेता राजनेताओं से भी ज्यादा जहरीले बोल बोलने लगे हैं. खासतौर पर उनकी टिप्पणी देश के एक विशेष समुदाय के खिलाफ ज्यादा हो रही है. उनकी इस टिप्पणी समाज में आए दिन दो समुदायों के बीच टकराव देखने को मिल रहा है. इसका सीधा फायदा राजनीतिक दलों को मिल रहा है.


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इस लिस्ट में पहले स्थान पर बाबा बागेश्वर धाम हैं, जो आए दिन मुसलमानों के खिलाफ जहर उगलते रहते हैं. कभी कुम्भ में मुलसमानों की बहिष्कार करने की बात करते हैं, तो कभी मस्जिद में राष्ट्रीय गीत गाने की बात करते हैं. इस बीच आज यानी 21 नवंबर से बाबा बागेश्वर हिंदू जोड़ों यात्रा निकाल रहे हैं. बाबा के इस यात्रा का मकसद हिंदुओं को मुत्तहिद करना है. बाबा का मानना है कि इस यात्रा से हिंदुओं के बीच जात-पात और छुआछूत मिट जाएगी. 


मस्जिदों में हो राष्ट्रीय गीत
यात्रा निकालने से एक दिन पहले बाबा बागेश्वर धाम ने मस्जिद को लेकर एक विवादित बयान दिया, जिसके बाद देशभर में सियासी बवाल जारी है. बाबा बागेश्वर धाम का कहना था कि देश का राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम को मस्जिदों में भी गाया जाना चाहिए. इससे साबित हो जाएगा कि कौन सच्चा देशभक्त हैं और कौन देशद्रोही है. 


बाबा का विवादित बयान
बाबा का मानना है कि ऐसा करने से सच्चे देशभक्तों की पहचान करने और उन्हें देशद्रोहियों से अलग करने में मदद मिलेगी. इतना ही नहीं बाबा के मुताबिक, मस्जिदों में राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम गाने से सभी समुदायों के बीच देश के लिए साझा सम्मान को दर्शाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह पहल न सिर्फ देशभक्ति पैदा करेगी बल्कि लोगों के इरादे और वफादारी को भी स्पष्ट करेगी.  इससे पहले भी बाबा कई विवादित बयान दे चुके हैं. 15 अगस्त 2024 को बाबा ने कहा था कि जिन्हें वंदे मारतम से दिक्कत है, उनको देश छोड़ देना चाहिए.


क्या मंदिरों पढ़ी जाएगी कुरान 
बाबा के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर कई यूजर सवाल उठा रहे हैं और बाबा से पूछ रहे हैं कि क्या मंदिरों में अल्लाहु अकबर कहा जाएगा और कुरान पढ़ी जाएगी. इतना ही नहीं लोग बाबा से यह भी पूछ रहे हैं कि देश में ऐसा कौन सा मंदिर है जहां राष्ट्रगान गाया जाता है. 


संस्कृति बचाओ मंच के प्रदेश अध्यक्ष ने किया बाबा के बयान का बचाव
वहीं संस्कृति बचाओ मंच के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने बाबा के बयान का बचाव करते हुए कहा कि सनातन धर्म का जो भी धर्मगुरु सनातन धर्म की चिंता करता है, जो भी देशभक्त है उसे वंदे मातरम और राष्ट्रगान गाने में कोई आपत्ति नहीं होगी, अगर मस्जिदों में राष्ट्रगान गाया जाता है तो उसमें क्या गलत है, गुरुकुलों में भी राष्ट्रगान गाया जाता है. जो भी भारत माता का सच्चा भक्त है उसे भारत माता की जय बोलने में कोई दिक्कत नहीं होगी.


 मुस्लिम स्कॉलर ने बाबा के बयान पर जताई आपत्ति
बाबा के बयान को लेकर मुस्लिम स्कॉलर जमशेद आलम का कहना है कि 15 अगस्त और 26 जनवरी को सभी मदरसों में राष्ट्रगान गाया जाता है, राष्ट्रगान का सम्मान भी होना चाहिए, लेकिन जब बात मस्जिदों की आती है तो इसका फैसला देश के बड़े उलेमा करेंगे, मस्जिदों में क्या होगा इसका फैसला बाबा बागेश्वर धाम नहीं करेगा.